स्कूल के दोस्त से हुई दुश्मनी तो उसके पिता से मांगी 4 लाख की रंगदारी: हुए गिरफ्तार, जगह अब स्कूल नहीं जेल

बता दें कि पिछले तीन दिन पहले सदर थाना क्षेत्र के एक अशोक कुमार बाहेती नामक व्यवसायी से ऋतुराज नामक सख्स ने मोबाइल से कॉल कर चार लाख रूपये की रंगदारी मांगी थी. 11 मार्च तक रुपये नहीं देने पर व्यवसायी को जान से मार देने की भी धमकी दे थी. इस मामले को लेकर पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया था. और फिर पुलिस ने जाल बिछाना शुरू किया. मधेपुरा सदर थानाध्यक्ष मनीष कुमार की अगुवाई में पु.अ.नि. विनोद कुमार, पुलिस जवान अमर कुमार, अभिषेक कुमार सिंह, पुलिस कमांडो विपीन कुमार, उदय कुमार, मनोज कुमार के अलावे अन्य कमांडो दस्ता के सहयोग से रंगदारी मांगने वाले सख्स निर्धारित तिथि और निर्धारित स्थान पर गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद शहर के व्यवसायियों में हर्ष व्याप्त बताया जाता है.
साथ पढने वाले दोस्त से झगड़े के कारण ऋतुराज लेना चाहता था बदला: आज पुलिस के हत्थे चढ़े ऋतुराज के इस मामले को लेकर एस.पी विकास कुमार ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि पुलिस ऋतुराज को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है किन्तु अनुसंधान में मामला साफ़ हो गया कि अशोक कुमार बाहेती के पुत्र से आपसी झगड़े को लेकर ऋतुराज नामक छात्र ने मोबाइल से मांगी थी रंगदारी .एक सवाल के जबाब में पुलिस कप्तान ने बताया कि व्यवसायी अशोक कुमार बाहेती के पुत्र और ऋतुराज होली क्रॉस स्कूल में साथ-साथ पढ़ते थे. दोनों लड़कों के बीच उत्पन्न हुई आपसी रंजिश के कारण ऋतुराज ने ऐसी हरकत की है जो उसने अपने बयान में पुलिस को बताया है.
बहरहाल जो भी हो लेकिन इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले सख्स की जगह स्कूल नहीं जेल है. पुलिस कप्तान ने खबर के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए एक खास बात और भी कही है कि अनावश्यक किसी व्यक्ति के मोबाइल पर कोई ऐसी बात ना करें कि कानून को मजबूर होकर आपके ऊपर कोई कड़ी कार्रवाई करनी पड़ जाय.
बहरहाल जो भी हो लेकिन इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले सख्स की जगह स्कूल नहीं जेल है. पुलिस कप्तान ने खबर के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए एक खास बात और भी कही है कि अनावश्यक किसी व्यक्ति के मोबाइल पर कोई ऐसी बात ना करें कि कानून को मजबूर होकर आपके ऊपर कोई कड़ी कार्रवाई करनी पड़ जाय.
स्कूल के दोस्त से हुई दुश्मनी तो उसके पिता से मांगी 4 लाख की रंगदारी: हुए गिरफ्तार, जगह अब स्कूल नहीं जेल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 11, 2016
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