बीमार बाबा: दूसरों के कल्याण का दावा करने वाले प्रमोद बाबा खुद की रक्षा करने में लाचार: डॉक्टरों ने चढ़ाया सैलाइन
दूसरों के कल्याण का दावा करने वाले बहुचर्चित मधेपुरा के चौसा वाले प्रमोद बाबा खुद की रक्षा अपने बूते करने में लाचार दिख रहे हैं. भक्तों ने जिस बाबा को कलियुग का भगवान् बता कर धर्म का धंधा किया था वो बाबा अब डॉक्टरों के भरोसे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले शुक्रवार को प्रमोद बाबा बीमार पड़ गए थे. बाबा की बीमारी बढ़ते देख अंत में घबराए भक्तों ने बाबा को बचाने के लिए डॉक्टरों की शरण में जाना उचित समझा. चर्चा है कि बाबा के कार्यकर्त्ता ने सिविल सर्जन को फ़ोन किया था और फिर सिविल सर्जन ने चौसा पीएचसी प्रभारी को फ़ोन से बाबा को देखने का निर्देश दिया. तब जाकर चौसा पीएचसी से डॉ. उपेन्द्र नारायण दिवाकर तथा श्याम जी बाबा के पास गए थे. बाबा के इलाज में बताया गया कि बाबा अंदर से कमजोर होगए थे. सलाइन वगैरह चढ़ाने के बाद अभी बाबा ठीक हैं.
बता दें कि चौसा के भटगामा वाले इसी बाबा ने कथित विवादस्पद भू-समाधि से बाहर आने के बाद डॉक्टरों से चेक-अप करने से इनकार कर दिया था. अब बीमार पड़ने के बाद डॉक्टरों की मदद लेने से वह कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है कि – ‘अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे’ या फिर ‘मरता क्या नहीं करता’.
(वि.सं.)
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले शुक्रवार को प्रमोद बाबा बीमार पड़ गए थे. बाबा की बीमारी बढ़ते देख अंत में घबराए भक्तों ने बाबा को बचाने के लिए डॉक्टरों की शरण में जाना उचित समझा. चर्चा है कि बाबा के कार्यकर्त्ता ने सिविल सर्जन को फ़ोन किया था और फिर सिविल सर्जन ने चौसा पीएचसी प्रभारी को फ़ोन से बाबा को देखने का निर्देश दिया. तब जाकर चौसा पीएचसी से डॉ. उपेन्द्र नारायण दिवाकर तथा श्याम जी बाबा के पास गए थे. बाबा के इलाज में बताया गया कि बाबा अंदर से कमजोर होगए थे. सलाइन वगैरह चढ़ाने के बाद अभी बाबा ठीक हैं.
बता दें कि चौसा के भटगामा वाले इसी बाबा ने कथित विवादस्पद भू-समाधि से बाहर आने के बाद डॉक्टरों से चेक-अप करने से इनकार कर दिया था. अब बीमार पड़ने के बाद डॉक्टरों की मदद लेने से वह कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है कि – ‘अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे’ या फिर ‘मरता क्या नहीं करता’.
(वि.सं.)
बीमार बाबा: दूसरों के कल्याण का दावा करने वाले प्रमोद बाबा खुद की रक्षा करने में लाचार: डॉक्टरों ने चढ़ाया सैलाइन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 25, 2016
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