तिल स्नेह व गुड़ उष्मा का प्रतीक है और दोनों का समन्वय मजबूत संगठन: आरएसएस का मकर संक्रांति

मधेपुरा जिले के बिहारीगंज वाणिज्य समिति धर्मशाला में आरएसएस के द्वारा मकरसंक्राति उत्सव मनाया गया. कार्यक्रम की शुरूआत भगवा ध्वजारोहन के बाद किया गया.
             इस मौके पर आए क्षेत्रीय शारीरिक प्रमुख अरूण जी ने अपने संबोधन में कहा कि जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है तब हम उस पर्व को मनाते है. आज के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से भी मिलने आते हैं. विवेकानंद का जन्म भी मक्ररसंक्रांति ही है. भीष्म पितामह के इच्छा मृत्यु वरदान की चर्चा कर वे बोले कि जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हुआ तब वे अपना शरीर छोड़े.
    तिल व गुड़ की चर्चा कर वे बोले कि तिल स्नेहता व गुड़ उष्मा का प्रतीक है और दोनों का समन्वय मजबूत संगठन को दर्शाता है. हमारे नौजवान अच्छा गुणवान व हनुमान बने उसमें बौद्धिक व विवेक का व्यापक परिवर्तन हो तभी हमारा भारत पुनः विश्व गुरू बन पाएगा.
     समारोह को बिहारीगंज के सरपंच गंगा दास ने भी संबोधित किया. इस मौके पर संघ के स्वयसेवक समेत बाजार के सैकड़ो लोग उपस्थित हुए,  जिसमें गोपाल जी, सज्जन जी, जीवन जी, नीरज कुमार, देवानंद जी, रोशन जी समेत तमाम लोग उपस्थित थे. अंत में आए हुए आगंतुको को मुरही-घूघनी आदि प्रसाद के रूप में दिया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता संरपंच गंगादास ने किया.
(रिपोर्ट: रानी देवी)
तिल स्नेह व गुड़ उष्मा का प्रतीक है और दोनों का समन्वय मजबूत संगठन: आरएसएस का मकर संक्रांति तिल स्नेह व गुड़ उष्मा का प्रतीक है और दोनों का समन्वय मजबूत संगठन: आरएसएस का मकर संक्रांति Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 16, 2016 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.