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जानकारी के अनुसार प्रभारी प्रबंधक के रुप मे वरीयता के अनुसार 04 नवम्बर 1985 मे योगदान करने वाले उदय कान्त झा का चयन किया गया, लेकिन प्रभारी रोकडपाल की जगह 03 फरवरी 2002 को अपना योगदान करने वाले मनोज ठाकुर के जगह 21 मई 2012 को योगदान करने वाले बाल किशोर यादव को नियुक्त कर दिया. अभी लोगों के बीच इसकी चर्चा जोर पकड़ने वाली ही थी कि न्यास के अधिकारियों को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने आनन-फानन मे बाल किशोर यादव की जगह मनोज ठाकुर की नियुक्ति कर दी.
दूसरी तरफ सूत्र बताते हैं कि 17 जनवरी की न्यास की बैठक में एक अधिकारी प्रबंधक का एक नाम तय कर ही गये थे, लेकिन कुछ सदस्यो के साथ साथ सचिव ने अभ्यार्थियो के चयन प्रणाली मे कमी का हवाला देते हुए पुनः अभ्यार्थियो से साक्षात्कार लेकर बहाली की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही. जानकारी हो कि प्रबंधक पद के लिये 16 उम्मीदवार तथा रोकडपाल के लिये कुल 8 उम्मीदवार के आवेदन सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के कार्यालय मे पहुंचे. कुल मिलाकर न्यास के कार्य प्रणाली पर से लोगो का विश्वास उठता जा रहा है. (क्रमश:)
सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति की कार्यशैली सवालों के घेरे में (भाग-1)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 19, 2016
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