'आओ खेलें गबन-गबन': बीएनएमयू में फिर निगरानी टीम की जांच जारी, संचिका नहीं दे रहे पदाधिकारी

मधेपुरा के बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय का स्थापना काल से ही गबन-घोटाले से चोली दामन का साथ रहा हैं. कई बार पहले भी निगरानी टीम की जाँच हो चुकी है. अब फिर नए मामले की जांच को लेकर मधेपुरा बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय पहुंची है. पटना से दो सदस्यीय निगरानी की टीम. विश्वविद्यालय में लगातार तीन दिनों से हो रही है वितीय अनियमिता मामले में गबन घोटालों की जाँच.
           वितीय अन्यमिता मामले की जांच को लेकर निगरानी टीम ने परीक्षा नियंत्रक व वित् पदाधिकारी और कुलसचिव से घंटों पूछताछ की है. चर्चा है कि निगरानी टीम के भय से विश्वविद्यालय छोड़कर कुलपति गायब हैं. निगरानी की टीम ने विश्वविद्यालय में भौतिक जांच की और विश्वविद्यालय प्रशासन से कई संचिकाओं की मांग की. पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने टीम को जाँच संचिका नहीं सौंपी और कुलपति के आने का इन्तजार किया जा रहा है.
           पिछले अगस्त 2015 में रिंकी यदुवंशी नामक एक शोध छात्रा ने विश्वविद्यालय के परीक्षाओं में उतर पुस्तिका सहित प्रश्न पत्रों के प्रकाशन इत्यादि मामले सहित मास्टर कम्प्यूटर के क्रय में वितीय अनिमियता बरतने तथा लगभग 15 करोड़ गबन घोटालों के मामले में निगरानी विभाग को लिखित आवेदन देकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर गबन व घोटालों का जबरदस्त आरोप लगाया था. कहते हैं कि आरोप के बाद बदले की भावना से रिंकी यदुवंशी के पति विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में कार्यरत पृथ्वीराज यदुवंशी का यहाँ से स्थानांतरण कर दिया गया था.
            शिकायतकर्ता रिंकी यदुवंशी को निगरानी पर भरोसा है कि करोड़ों के लूट मामले में दोषी लोगों पर कार्रवाई होगी और लूटेरे जेल जाएँगे. वहीँ स्थानीय छात्र नेता राहुल कुमार सहित भाजपा के नेता सह सिंडिकेट सदस्य डॉ.रामनरेश सिंह भी मान रहे है कि इससे पहले भी कई बार विश्वविद्यालय में निगरानी टीम पहुंची है पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब इस मामले में क्या कार्रवाई होती है यह तो वक्त ही बताएगा परन्तु निगरानी टीम को संचिका नहीं दिया जाना विश्वविद्यालय प्रशासन को कटघरे में जरूर खड़ा कर रहा है.
           विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.के.पी.सिंह सहमे हुए दबी जुबान से कुछ साफ़-साफ़ बताने को तैयार नहीं है पर इतना जरुर बता रहे है कि गबन व अनियमिता के आरोप में पटना से पंहुची है निगरानी की टीम. हालाँकि निगरानी टीम में सामिल डी.एस.पी.विजय कुमार श्री वास्तव का मानना है कि विश्वविद्यालय में अनियमिता तो घोर है पर संचिका मिलने के बाद हीं साफ़ हो पाएगा कि कहाँ और कितना गबन है.
          बहरहाल देखना दिलचस्प होगा आखिर कब तक होगी करोड़ों के गबन की जाँच और कब तक दोषी होंगें सलाखें के पीछे. हालांकि डी.एस.पी.निगरानी ने लिखित तौर पर विश्वविद्यालय प्रशासन को पांच दिनों के अन्दर संचिका सौंपने का निर्देश जारी किया है.
'आओ खेलें गबन-गबन': बीएनएमयू में फिर निगरानी टीम की जांच जारी, संचिका नहीं दे रहे पदाधिकारी 'आओ खेलें गबन-गबन': बीएनएमयू में फिर निगरानी टीम की जांच जारी, संचिका नहीं दे रहे पदाधिकारी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 13, 2016 Rating: 5

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