
2008 की बाढ़ का कहर हो या अमान परिवर्तन के नाम पर अधिकारियों की लापरवाही, सबकुछ यहीं के लोगों को भोगना पड़ा है और जाहिर सी बात है मुरलीगंज का रेल संघर्ष समिति न होता तो रेलवे के अधिकारी अभी भी कान में तेल डाल कर सो रहे होते. सरकार ने भी कई आन्दोलन और आमरण अनशन के बाद थोड़ी सी सुविधा देकर माब्नी खानापूर्ति कर दी हो. शायद यही वजह रही कि आज भी मुरलीगंज रेल संघर्ष समिति के सदस्य कई मांगों को लेकर प्लेटफॉर्म पर ही धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए. उनकी मुख्य मांगों में मुरलीगंज स्टेशन पर अविलम्ब कम्प्यूटरीकृत आरक्षण शुरू हो, इंटरसिटी ट्रेन का विस्तार मुरलीगंज तक हो, पूरबईया एवं जनसाधारण एक्सप्रेस को बनमनखी से चलाया जाय, बनमनखी से पटना तक रात्रिकालीन ट्रेन चलाया जाय, कोसी एक्सप्रेस में एस्कॉर्ट की व्यवस्था की जाय, मुरलीगंज स्टेशन पर जीआरपी या आरपीएफ बल की स्थायी प्रतिनियुक्ति हो, बनमनखी से पुरनियाँ जंक्शन तक अविलम्ब ट्रेन चलाया जाय, आदि-आदि शामिल थे.
रेल संघर्ष समिति, मुरलीगंज के बैनर तले एक दिवसीय धरना एवं प्रदर्शन का कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबा दिनेश मिश्र, सञ्चालन प्रशांत कुमार, संयोजन विजय यादव ने की जबकि इस मौके पर प्रो० नागेन्द्र प्रसाद यादव, पार्षद पुष्पा मिश्र, डिम्पल पासवान, विकास आनंद, शायम आनंद, संजय सुमन, प्रो० निशा, संजय कुमार मुन्ना, मो० अफरोज, गौतम यादव समेत दर्जनों लोग मौजूद थे.
बाद में प्रतिनिधि मंडल ने 11 सूत्री मांगपत्र रेलवे के अधिकारी को सौंपा, पर अब देखना है कि अधिकारी किस तरीके से इनकी बात ऊपर तक पहुंचती है और कब तक इन वाजिब मांगों पर रेल प्रशासन अमल करती है.
(वि.सं.)
बढ़ा असंतोष: मुरलीगंज रेल संघर्ष समिति एक बार फिर धरना-प्रदर्शन की राह पर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 19, 2015
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