नए चेहरों को साहित्य से जोड़ने की बड़ी उम्मीद बना पैंथर हाउस पब्लिकेशन: मधेपुरा के युवक ने लखनऊ में की प्रकाशन की शुरुआत
कहते हैं इरादे बुलंद हो तो मंजिल को अपना नाम देना मुश्किल नहीं होता. मधेपुरा जिला के सरोपट्टी लालपुर, निवासी अमरेश कुमार सिंह ने बुलंद इरादों से लखनऊ में पैंथर हाउस पब्लिकेशन की स्थापना अपने मित्रों के साथ मिलकर की और पब्लिकेशन की पहली पुस्तक के चर्चा में आने के बाद पब्लिकेशन से जुड़े लोग खासे चर्चा में हैं. जहाँ आज के दौर में तमाम पब्लिकेशन बड़े नाम, बड़ी पहचान को महत्व दे रही है वहीँ पैंथर हाउस सिर्फ और सिर्फ हस्तलिपि को महत्व दे रही है, शायद यही कारण हैं कि कई नए चेहरे यहाँ से अपने साहित्य की उम्मीदों को जन्म देने को तैयार हैं. पब्लिकेशन ने अपनी पहली ही प्रकाशित पुस्तक ‘Sands of Time-Neelam Saxena Chandra’ से अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़ दी है.
औरतों की समस्याओं पर आधारित इस पुस्तक को पाठकों ने भी काफी सराहा है. जाहिर है अपने उद्येश्य के मुताबिक़ पैंथर हाउस पब्लिकेशन के माध्यम से अब आप कई नए चेहेरों को साहित्य से जुड़ते देख पाएंगे. परम्परागत तरीकों से पुस्तक का चुनाव फिर प्रकाशन, ये उम्मीद दिलाती है की साहित्य का कद अभी भी साहित्यकारों से ज्यादा बड़ा है. यहाँ से आगामी प्रकशित होने वाली पुस्तकें जैसे फिदायीन, द क्रॉसबो कोड, थैंक यू कैंसर, बर्निंग रोज, आई डीडीनट किल अमर सिंह राठौर, फेरवेंट वॉइसेस आदि को आलोचकों ने काफी सराहा है. सबसे अनोखी बात तो यह है प्रकाशन ने एक ही साथ पुस्तकों को हिंदी और इंग्लिश दोनों में प्रकाशित करने का फैसला किया है जो लेखकों के लिए अच्छी खबर साबित हो सकती है.
मधेपुरा टाइम्स को पब्लिकेशन के संस्थापक सदस्य अमरेश सिंह ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि यहाँ से प्रकाशित होने वाली पुस्तकों को आप फ्लिप्कार्ट , अमेज़न, paytm, शोप्क्लुएसन आदि जैसे मार्किट पैलेस से खरीद सकते हैं. इंजीनियरिंग, MBA जैसे डिग्री के बाद, अच्छी नौकरियों से तौबा कर दम तोड़ रही इंडस्ट्री को नए तरीके से नया नाम देने के लिए छोटे शहरों के जुगनुओं को जगमाने के लिए पैंथर हाउस पब्लिकेशन तैयार हैं.
जो भी हो, प्रयास काफी सराहनीय है, और खासकर बड़े पब्लिकेशन द्वारा तवज्जो नहीं मिल पाने के कारण कई गुमनाम रह रहे या फिर नए चेहरों को पैंथर हाउस पब्लिकेशन उभारने और चर्चित बनाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
औरतों की समस्याओं पर आधारित इस पुस्तक को पाठकों ने भी काफी सराहा है. जाहिर है अपने उद्येश्य के मुताबिक़ पैंथर हाउस पब्लिकेशन के माध्यम से अब आप कई नए चेहेरों को साहित्य से जुड़ते देख पाएंगे. परम्परागत तरीकों से पुस्तक का चुनाव फिर प्रकाशन, ये उम्मीद दिलाती है की साहित्य का कद अभी भी साहित्यकारों से ज्यादा बड़ा है. यहाँ से आगामी प्रकशित होने वाली पुस्तकें जैसे फिदायीन, द क्रॉसबो कोड, थैंक यू कैंसर, बर्निंग रोज, आई डीडीनट किल अमर सिंह राठौर, फेरवेंट वॉइसेस आदि को आलोचकों ने काफी सराहा है. सबसे अनोखी बात तो यह है प्रकाशन ने एक ही साथ पुस्तकों को हिंदी और इंग्लिश दोनों में प्रकाशित करने का फैसला किया है जो लेखकों के लिए अच्छी खबर साबित हो सकती है.
मधेपुरा टाइम्स को पब्लिकेशन के संस्थापक सदस्य अमरेश सिंह ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि यहाँ से प्रकाशित होने वाली पुस्तकों को आप फ्लिप्कार्ट , अमेज़न, paytm, शोप्क्लुएसन आदि जैसे मार्किट पैलेस से खरीद सकते हैं. इंजीनियरिंग, MBA जैसे डिग्री के बाद, अच्छी नौकरियों से तौबा कर दम तोड़ रही इंडस्ट्री को नए तरीके से नया नाम देने के लिए छोटे शहरों के जुगनुओं को जगमाने के लिए पैंथर हाउस पब्लिकेशन तैयार हैं.
जो भी हो, प्रयास काफी सराहनीय है, और खासकर बड़े पब्लिकेशन द्वारा तवज्जो नहीं मिल पाने के कारण कई गुमनाम रह रहे या फिर नए चेहरों को पैंथर हाउस पब्लिकेशन उभारने और चर्चित बनाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
(ए.सं.)
नए चेहरों को साहित्य से जोड़ने की बड़ी उम्मीद बना पैंथर हाउस पब्लिकेशन: मधेपुरा के युवक ने लखनऊ में की प्रकाशन की शुरुआत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 30, 2015
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