
चार दिनों तक चलने वाले बिहार में लोक आस्था के सबसे बड़े पर्व का आज कहता और अंतिम दिन था. इससे पूर्व नहाय-खाय और खरना के बाद कल संध्यां का अर्ध्य श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर पानी के खड़े रहकर दिया. आज अहले सुबह से ही श्रद्धालु विभिन्न घाटों पर जमा होने लगे थे.
छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने पानी में घंटों खड़े रहकर सूर्य की उपासना की. घाट पर डालों तथा सूपों को बड़े ही ढंग से सजाया गया था. पूरा वातावरण जलाये गए दीयों से रौशन था. वैसे तो अर्ध्य का समय आज सुबह 06:40 मिनट बताया गया, पर कल भगवान् भास्कर के ठीक से न दिखाई देने के बाद आज सुबह श्रद्धालुओं को सूर्य के दर्शन निर्धारित समय से पहले ही हो गए. दर्शन होते ही पुरुष और महिला श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ ने छठ मईया को नमन करते हुए अर्ध्य दिया.
इस दौरान आज सुबह भी पुलिस प्रशासन
मुस्तैद रही. मधेपुरा जिला मुख्यालय के सबसे प्रमुख भिरखी घात पर मधेपुरा थानाध्यक्ष मनीष कुमार और अंचलाधिकारी मिथिलेश कुमार खुद समापन तक मौजूद रहे. पर्व के दौरान मोटरवोट और गोताखोर नदी में घुमते रहे, हालांकि अतिउत्साहित कई श्रद्धालुओं पर प्रशासन द्वारा लगाये गए बैरिकेटिंग का कोई असर नहीं दिखा और वे पूरी नदी में उछल-कूद करते रहे. छठ के दौरान जिले में कहीं कोई अप्रिय घटना की सूचना अब तक नहीं है.
इस दौरान आज सुबह भी पुलिस प्रशासन

(नि.सं.)
उदीयमान सूर्य को अर्ध्य प्रदान करने के साथ ही छठ महापर्व हुआ संपन्न
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 18, 2015
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