कोसी के दो योद्धाओं को प्रतिद्वंदी का है इंतजार, क्या ढह सकेगा इनका किला?

सुपौल-कोसी प्रमंडल के तेरह विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने के कई दिन बीत जाने के बाद भी एनडीए ने सुपौल व आलमनगर विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं किया है. जिससे कोसी की राजनीति में कई प्रकार की चर्चाओं का बाजार गर्म है. कोसी के दोनों नेता दिग्गज नेताओं के रूप में जाने जाते हैं. वहीं प्रदेश की राजनीति में भी दोनों को कद्दावर नेता और मंत्री के नाम से भी लोग जानते हैं.    
        सुपौल से लगातार 25 वर्ष से जीतते आये बिजेंद्र प्रसाद यादव सरकार में उर्जा, वित्त एवं वाणिज्य कर मंत्री हैं तो आलमनगर से लगातार 20 वर्ष से चुने जाने वाले नरेंद्र नारायण यादव सरकार में राजस्व मंत्री हैं. क्षेत्र में श्री बिजेंद्र को स्पष्टवादी तो नरेंद्र को मृदुभाषी नेता का दर्जा प्राप्त है. दोनों को स्थानीय स्तर पर निजी कार्यकर्ताओं की फ़ौज है. ऐसे में एनडीए गठबंधन जल्दी में कोई निर्णय नहीं लेना चाह रही है. वहीं इन दोनों विधानसभा क्षेत्र से चुनाव के मैदान में एनडीए के कई नेताओं के नामों की चर्चा है. 
         सुपौल से तो भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवान हुसैन, किशोर कुमार मुन्ना, नागेन्द्र ना० ठाकुर और सुमन चंद सिंह की नामों की भी चर्चा ने भी जोर पकडी है. आलमनगर से लोजपा के ई. बी.एन. सिंह, जयप्रकाश सिंह और चन्दन सिंह के नामों की भी चर्चा हो रही है. इतना तो तय है कि सुपौल से भाजपा व आलमनगर से लोजपा अपनी उम्मीदवारी दे सकती है. 
       सुपौल यादव बाहुल्य क्षेत्र है, जहां मंत्री बिजेंद्र को यादव समुदाय का समर्थन प्राप्त है. वहीं आलमनगर में गोढ़ी-निषाद-गंगौत के अलावे पासवान-ब्राह्मण-राजपूत की अधिकता है. यहाँ से 2010 में कांग्रेस से लवली आनंद भी अपना भाग्य आजमा चुकी है, हालांकि श्रीमति लवली द्वितीय स्थान पर रही थी. अब देखना है कि कोसी के इन दो योद्धओं के सामने एनडीए किसको मैदान में उतारती है और चुनाव परिणाम का रूख क्या रहता है?
(रिपोर्ट: अशोक यादव, सुपौल)
कोसी के दो योद्धाओं को प्रतिद्वंदी का है इंतजार, क्या ढह सकेगा इनका किला? कोसी के दो योद्धाओं को प्रतिद्वंदी का है इंतजार, क्या ढह सकेगा इनका किला? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 02, 2015 Rating: 5

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