दिन देख-दिखा कर नामांकन कर रहे कई प्रत्याशी: पर ये पब्लिक है सब जानती है

बताते हैं कि कई प्रत्याशी हार-जीत के समीकरण पर चिंतन करने के साथ अच्छा दिन भी देखकर नामांकन का फैसला ले रहे हैं. नामांकन का पहला दिन बृहस्पतिवार था जो कईयों के लिए खाली दिन होता है, यानि उस दिन किया गया कोई बड़ा काम शुभ नहीं माना जाता है. इसी तरह शनिवार को कोई बड़ा काम करने से शनि देवता कुपित हो सकते हैं. शनि महराज के कुपित होने का मतलब है सबकुछ नाश. शुक्रवार अच्छा दिन था और पोंगा पंडितों के अनुसार अगला सोमवार, मंगलवार और बुधवार शुभदिन हैं. इन दिनों ही ताबड़तोड़ नामांकन होने के आसार हैं. नामांकन का अंतिम दिन फिर खाली दिन यानि बृहस्पतिवार.
        देखा जाय तो अधिकाँश प्रत्याशी भले ही इन चीजों को मान कर भले ही नामांकन कर रहे हैं, पर सबसे बड़ा सच यही है कि मैदान में बाजी कोई एक ही मारेगा, जिसे जनता सबसे योग्य समझेगी. बाकी दिन दिखाकर काम करने वाले को जनता घर का रास्ता दिखा देगी. दिन देखकर नहीं, अपने कर्म देखकर नामांकन कीजिए, इंशाअल्लाह सब ठीक रहेगा. नेता जी, जरा समझिये राजनीति को, लोग जानते हैं आप माल कमाने मैदान में उतरे हैं, वर्ना यदि समाजसेवा की जरा भी अपमे भावना होती तो बाकी के पांच साल भी आप लोगों के दुःख में साथ खड़े होते. पर आप तो सिर्फ सुख में साथ खड़े होने वाले हैं. लोग आपको विधायक बना कर क्या करेंगे. विधायक निवास में आप क्या करेंगे, बहुतों को अंदाजा है. ये पब्लिक है सब जानती है. आप जैसों को ही देखकर शायद आदम गोंडवी ने लिखा था:
“काजू भुने प्लेट में, विस्की गिलास में
उतरा है रामराज विधायक निवास में”
(वि.सं.)
दिन देख-दिखा कर नामांकन कर रहे कई प्रत्याशी: पर ये पब्लिक है सब जानती है दिन देख-दिखा कर नामांकन कर रहे कई प्रत्याशी: पर ये पब्लिक है सब जानती है Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 10, 2015 Rating: 5

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