भक्ति का ऐसा आलम कि क्या बच्चे क्या बूढ़े, सभी उम्र के लोग उमड़ पड़े जब माता के बेल तोडी कार्यक्रम के लिए दुर्गा मंदिर सिंहेश्वर से माता रानी की सवारी शहर के गणमान्य लोगो के साथ निकली. मां दुर्गा की पालकी सजाकर माता को लाने के लिए जब पूरा शहर निमंत्रित स्थल के लिए ढोल-नगाडे के साथ निकला तो खास कर महिलाओं और बच्चों की भारी भीड चल रही थी.
माता की पालकी जिस ओर से निकलती थी उस तरफ के श्रृदालुओं ने अपने-अपने प्रतिष्ठान के आगे दीप जला रखा था तथा भक्त मैया के डोली में शामिल होने के लिये हाथों में अगरबत्ती लेकर खडे थे. मां की डोली के आते ही लोग उसमें शामिल हो जाते थे. पालकी जब निमंत्रित बेल के वृक्ष के नीचे पहुंचा तब तक ऐसा ही लगा मानो पूरा शहर वहां इकट्ठा हो गया हो. सभी मैया के आगमन की खुशी में झूम रहे थे. बेल वृक्ष के नीचे पूजा के समय भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला. माता रानी की डोली वापस दुर्गा मंदिर पहुँची तो आरती में जुटी भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा था.
मौके पर हरी प्रसाद टेकरीवाल, दिनेश कुमार यादव, बच्चा झा, विश्वभर स्वर्णकार, शंकर अग्रवाल, संजीव शर्मा, अशोक कुमार भगत, देवी दत्त शर्मा, कार्तिक भगत समेत सैकडों लोग मौजूद थे.
माता की पालकी जिस ओर से निकलती थी उस तरफ के श्रृदालुओं ने अपने-अपने प्रतिष्ठान के आगे दीप जला रखा था तथा भक्त मैया के डोली में शामिल होने के लिये हाथों में अगरबत्ती लेकर खडे थे. मां की डोली के आते ही लोग उसमें शामिल हो जाते थे. पालकी जब निमंत्रित बेल के वृक्ष के नीचे पहुंचा तब तक ऐसा ही लगा मानो पूरा शहर वहां इकट्ठा हो गया हो. सभी मैया के आगमन की खुशी में झूम रहे थे. बेल वृक्ष के नीचे पूजा के समय भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला. माता रानी की डोली वापस दुर्गा मंदिर पहुँची तो आरती में जुटी भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा था.
मौके पर हरी प्रसाद टेकरीवाल, दिनेश कुमार यादव, बच्चा झा, विश्वभर स्वर्णकार, शंकर अग्रवाल, संजीव शर्मा, अशोक कुमार भगत, देवी दत्त शर्मा, कार्तिक भगत समेत सैकडों लोग मौजूद थे.
निकली माता रानी की पालकी: मैया के आगमन की ख़ुशी में झूमे लोग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 20, 2015
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