कई दशकों से मंत्री और आलमनगर विधायक नरेन्द्र नारायण यादव के करीबी रहे व पुरैनी प्रखंड के प्रमुख जय प्रकाश सिंह ने आखिर चुनाव मैदान में मंत्री के खिलाफ ही उतरने को तैयार हो गए हैं. प्रखंड प्रमुख जय प्रकाश सिंह थर्ड फ्रंट के जनअधिकार पार्टी के प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
मधेपुरा टाइम्स को प्रमुख श्री सिंह नें बताया कि वे मंत्री जी के 1995 के राजनीति जीवन के शुरुआत से ही हर विधानसभा चुनाव के वक्त ऊँचे पदों पर आसीन होने के प्रलोभन में बार बार छले गये है. इस बार भी उन्हें पार्टी आलाकमान द्वारा बिहारीगंज से टिकट देने का पक्का आश्वासन उन्हें दिया गया था. पर अंतिम समय में राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनका तकत काट दिया गया और पार्टी आलाकमान द्वारा एक बार फिर से मंत्री जी के साथ रहकर पार्टी धर्म के निर्वहन करने की उन्हें लम्बी नसीहत दी गयी. जिसके बाद वे सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी से मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने को मजबूर हो गये.
मधेपुरा टाइम्स को प्रमुख श्री सिंह नें बताया कि वे मंत्री जी के 1995 के राजनीति जीवन के शुरुआत से ही हर विधानसभा चुनाव के वक्त ऊँचे पदों पर आसीन होने के प्रलोभन में बार बार छले गये है. इस बार भी उन्हें पार्टी आलाकमान द्वारा बिहारीगंज से टिकट देने का पक्का आश्वासन उन्हें दिया गया था. पर अंतिम समय में राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनका तकत काट दिया गया और पार्टी आलाकमान द्वारा एक बार फिर से मंत्री जी के साथ रहकर पार्टी धर्म के निर्वहन करने की उन्हें लम्बी नसीहत दी गयी. जिसके बाद वे सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी से मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने को मजबूर हो गये.
जयप्रकाश सिंह का राजनीतिक सफरनामा: 1974 के जेपी आन्दोलन से ही जय प्रकाश सिंह छात्र जीवन को त्यागकर सक्रिय राजनीति में शामिल हो गये. 1978 में जय प्रकाश सिंह सरपंच चुने गये और उसके बाद 1990 में आलमनगर के विधायक चुने गये विरेन्द्र कुमार सिंह के मंत्री बनने पर 4 वर्षों यानि 1995 तक वे उनके आप्त सचिव रहे. फिर पंचायत चुनाव 2001 में ग्राम पंचायत कुरसंडी के मुखिया बने, जिसमें उन्होनें पंचायत में अपनी जाति के मात्र 50 वोटर रहने के बावजूद अपने निकतम प्रत्याशी युगलकिशोर यादव को 530 वोट से हराया. उसके बाद पुनः 2006 के पंचायत चुनाव में उनके पंचायत में कुल दो पंचायत समिति पद क्षेत्र बने जिसमें से उनका गृह क्षेत्र सीट सुरक्षित होने के कारण उन्हें पंचायत के ही दूसरे सीट से पंचायत समिति का चुनाव लड़ना पड़ा और उन्होंने पंचायत समिति मे जीत हासिल किया फिर 2008 में प्रखंड प्रमुख चुने गये और तब से लेकर अबतक पुरैनी प्रखंड प्रमुख के पद पर आसीन है. जय प्रकाश सिंह कहते हैं कि इलाके की जनता जानती है कि मैंने पिछले ४० साल की समाजसेवा में अपनी हड्डी गला दी है.
(रिपोर्ट: अख्तर वसीम)
(रिपोर्ट: अख्तर वसीम)
मंत्री नरेंद्र नारायण यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे प्रखंड प्रमुख जयप्रकाश सिंह
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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October 14, 2015
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