स्कूल की मुनिया को है पुस्तक का इन्तजार: बिन किताब कैसे हो पढ़ाई ?

जिले में सरकारी स्कूलों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. जिले के एक दर्जन से अधिक सरकारी विद्दालयों में सत्र शुरू होने के तीन माह बाद भी बच्चों के बीच आज तक पाठ्य पुस्तक का वितरण नहीं किया गया है.
जाहिर सी बात है पाठ्य पुस्तक नहीं मिलने के कारण बच्चों को होती है पठन-पाठन कार्यों में भारी परेशानी. बच्चों के साथ-साथ वर्ग शिक्षकों को भी इससे हो रही है परेशानी. किसी तरह बच्चे बिना पुस्तक के ही पढाई करने पर मजबूर हो रहे हैं. बानगी के तौर पर महज मुरलीगंज प्रखंड के जीतापुर मध्य विद्यालय की स्थिति से अवगत करा रहें हैं जहाँ नए सत्र के शुरू होने के तीन महीने के बाद भी बच्चों को पाठ्यपुस्तक नहीं दी गई है. प्रखंड के दर्जनों ऐसे विद्यालय हैं जहाँ आज तक वर्ग प्रथम से लेकर वर्ग अष्ठम तक के बच्चे बिना पुस्तक के ही स्कूली ज्ञान प्राप्त करने को बेबस और मजबूर हो रहें हैं.
जीतपुर मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक रविन्द्र कुमार ने बताया कि हमारे उत्क्रमित उच्च विद्यालय में एक भी शिक्षक नहीं है जिससे काफी परेशानी होती है और मध्य विद्दालय में आज तक बच्चों को किताब नहीं मिला है.
एक तरफ दो वर्षों से उत्क्रमित उच्च विद्यालय में शिक्षक की घोर कमी है तो दूसरी तरफ सरकारी मध्य विद्यालय और प्राइमरी विद्यालय में तीन महीने से अधिक गुजर जाने के बाद भी स्कूल की मुनियाँ को पुस्तक की इंतजार है. बच्चों को बिना पुस्तक के हीं पढाई करनी पर रही हैं. ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि सूबे में कितनी तेजी से विकास हो रहा है. धरातल पर सरकारी दावे धूल फांक रही है, जबकि शिक्षा पर हर महीने करोड़ों की राशि खर्च हो रही है. मिड डे मील से लेकर भवन निर्माण तक में सरकारी राशि का बन्दर-बाँट किया जा रहा है.
इस बिंदु पर सरकार तो दूर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उदासीन बने बैठे हैं. हालांकि इस बावत प्रभारी जिलाधिकारी अबरार अहमद कमर ने बताया कि जिले में कई जगहों पर पुस्तक वितरण किया गया है तथा और जगहों पर भी जल्द पुस्तक का वितरण किया जाएगा. जहाँ शिक्षक की कमी है शिक्षक बहाल किया जाएगा. इस मामले की जानकारी विभागीय अधिकारी को भी दी गई है.
स्कूल की मुनिया को है पुस्तक का इन्तजार: बिन किताब कैसे हो पढ़ाई ? स्कूल की मुनिया को है पुस्तक का इन्तजार: बिन किताब कैसे हो पढ़ाई ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 15, 2015 Rating: 5

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