मधेपुरा: ज़िले में 7 जून से मुख्यमंत्री सघन टीका अभियान चलाया जायेगा. इस अभियान के तहत अप्रतिरक्षित एवं आंशिक रूप से प्रतिरक्षित
बच्चों को पोलियो, टीबी, काली खांसी ,टेटनस, हेपेटाइटिस-बी, हिमोफिलस इंफ्लुएन्ज़ी टाइप-बी, एवं खसरा जैसे जानलेवा बीमारियों
से बचाने के लिए टीके लगाए जाएंगे. इसके अलावा गर्भवती महिलाएं को भी टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
इस बात की जानकारी जिला
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ज़े.पी.मंडल तथा जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अखिलेश
कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी. इस मौके पर डॉ
राहुल काम्बले, संदीप कुमार, नलिन आनन्द, मो. महफूज़ आलम मो. राशिद एवं मनोज कुमार मौजूद थे. बताया गया कि यह अभियान एक सप्ताह तक हर माह की प्रत्येक 7 तारिख से शुरू होगा तथा अगले चार महीनों तक राज्य के 24 ज़िलों बांका, भागलपुर, लखीसराय, शेखपुरा, गोपालगंज, सीवान, मधुबनी, अरवल, औरंगाबाद, जेहानाबाद, कैमूर, रोहतास, नवादा, खगाड़िया, मुंगेर, शिवहर, वैशाली, भोजपुर, बक्सर, नालंदा , सारण, पूर्णिया, मधेपुरा और सुपौल में चलाया जाएगा. ज्ञातव्य
हो कि बिहार में बाक़ी 14 ज़िलों में मिशन इन्द्रधनुष के अधीन पहले से ही विशेष टीका अभियान चलाया जा रहा
है.
“मुख्यमंत्री सघन टीकाकरण अभियान" बिहार
में सम्पूर्ण टीकाकरण के कवरेज को शत प्रतिशत करने की दिशा में एक क़दम हैं.
फिलहाल बिहार में सम्पूर्ण टीकाकरण का औसत लगभत 69.9% है. हमारे ज़िले सम्पूर्ण प्रतिरक्षित बच्चों का औसत लगभग 72.3% % है. यह जानकारी जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ज़े.पी.मंडल ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए दी. सिविल सर्जन डॉ ज़े.पी.मंडल ने बताया कि ज़िले में तक़रीबन 27% बच्चे या तो कोई भी टीका नहीं ले पाते या कोई टीका छूट जाने के कारण सम्पूर्ण रूप से प्रतिरक्षित नहीं हो पाते.
फिलहाल बिहार में सम्पूर्ण टीकाकरण का औसत लगभत 69.9% है. हमारे ज़िले सम्पूर्ण प्रतिरक्षित बच्चों का औसत लगभग 72.3% % है. यह जानकारी जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ज़े.पी.मंडल ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए दी. सिविल सर्जन डॉ ज़े.पी.मंडल ने बताया कि ज़िले में तक़रीबन 27% बच्चे या तो कोई भी टीका नहीं ले पाते या कोई टीका छूट जाने के कारण सम्पूर्ण रूप से प्रतिरक्षित नहीं हो पाते.
पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम से मिले साक्ष्य हमे बताते है कि ज़्यादातर अप्रतिरक्षित एवं आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चे शहरी मलिन बस्तियों, बंजारा समूह, ईट भट्टों, निर्माण स्थलों और नदी क्षेत्रो में पाये जाते है. प्रतिरक्षण के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना बनाते समय ऐसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसके अलावा विशेष टीकाकरण अभियान का केंद्र ऐसे गांव एवं टोला को रखा गया है जहां नियमित टीकाकरण के सत्र किसी भी कारण आयोजित नहीं किये जा सके हैं. ऐसे गांव एवं टोला जहां पिछले तीन माह के अंदर टीकाकरण के सत्र का आयोजन नहीं किया गया है वहां भी अभियान के दौरान टीकारकरण का आयोजन किया जा रहा है.
इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग को
सभी डेव्लपमेंट पार्टनर्स जैसे WHO, UNICEF, रोटरी इंटरनेशनल अपना अपना सहयोग दे रहे हैं. यह स्पष्ट है कि बिना व्यापक पैमाने पर सामाजिक जागरूकता के इस अभियान को सफल नहीं
बनाया जा सकता. इसलिए यूनिसेफ बिहार सरकार को सामाजिक जन-जागरण में पूरी मदद दे रहा है.
सिविल
सर्जन डॉ डॉ ज़े.पी.मंडल ने मीडिया
द्वारा पोलियो अभियान में जिस ज़िम्मेदारी से अपना रोल अदा किया है उसकी प्रशंसा करते
हुए आग्रह किया कि टीकाकरण के इस अभियान को भी अपना पूरा सहयोग दें ताकि सभी अभिभावक
इस बात को समझ सकें की टीकाकरण बच्चों को मौत और विकलांगता से बचाने के लिए सबसे अधिक
प्रभावशाली सावर्जनिक स्वास्थ्य उपायों में से एक है.
मधेपुरा में मुख्यमंत्री सघन टीकाकरण का हुआ शुभारंभ
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 07, 2015
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