जिला मुख्यालय के वार्ड नं. 26 के बीती रात करीब दो
बजे हुए सनफूल यादव की हत्या के मामले में अभी शाम तक एफआईआर दर्ज नहीं हो पाया
है. सवालों के घेरे में पूरी हत्या ही आती दिख रही है.
अभी शाम
के सात बजे मधेपुरा थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि वे दो
बार मृतक की पत्नी से बयान लेने जा चुके हैं, पर बताया जा रहा है कि पत्नी अभी
बयान एने की स्थिति में नहीं है.
पूरा
प्रकरण संदेहास्पद स्थिति पैदा कर रहा है और सूत्रों का कहना है कि यदि हत्या और
हत्या से जुड़े अन्य पहलूओं की गहराई से जांच की जाय तो कई बड़े भू-माफिया भी हत्या
की जद में आ सकते हैं. क्योंकि बताया जा रहा है कि जमीन की खरीद-बिक्री और
दखल-कब्ज़ा के खेल में माहिर कुछ ही वर्षों में करोड़ों की
संपत्ति अर्जित कर लेने
वाले मृतक सनफूल यादव के साथ शहर के कई सफेदपोश भी जमीन खरीद-बिक्री और दखल-कब्ज़ा
कराने में सनफूल के साथ थे. कहते हैं कि कई पुलिस से जुड़े लोग भी सनफूल के घर
अक्सर होने वाली पार्टी का लुत्फ़ उठाया करते थे.

वैसे भी
पहला संदेह इस बात पर उठता है कि जब हत्या रात के दो बजे के आसपास हुई बताई जा रही
है तो फिर पुलिस और पड़ोसियों को इस बात का पता सुबह क्यों चला? क्यों घर के लोग और
सनफूल के साथ रह रहे लोगों ने इस हत्या की बात सुबह तक दबाए रखा? पुलिस के पास
फर्द बयान दर्ज कराने में देरी का क्या कारण हो सकता है? कहीं इस बीच में जोड़-तोड़
का कोई हिसाब तो नहीं हो रहा है कि मुक़दमे में किसका नाम दिया जाय, किसका नहीं?
सूत्रों
का मानना है कि इस हत्या में कुछ ऐसे लोगों के नाम भी आ सकते हैं जो बेहद चौंकाने
वाले हो सकते हैं. उधर मृतक सनफूल का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया
गया था, जिसके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी. (संवाद सूत्र)
सनफूल हत्याकांड: फॉलोअप-1: अभी तक नहीं दर्ज हुआ एफआईआर: क्या हो रहा है जोड़-तोड़ का हिसाब?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 05, 2015
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