मधेपुरा जिला मुख्यालय के दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल
में यक्ष्मा से बचाव पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला की शुरुआत
स्कूल के प्रबंध निदेशक किशोर कुमार, स्वास्थ्य विभाग से आए राम नरेश कामत एवं
राकेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया.
आए हुए
अतिथियों का स्वागत करते हुए स्कूल के प्रबंध निदेशक श्री कुमार ने कहा कि आज
यक्ष्मा जैसी बीमारियों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है. यदि समय रहते इसका पता
चल जाए तो सरकारी अस्पताल में उपलब्ध दवाइयों की मदद से इस बीमारी से आसानी से
छुटकारा पाया जा सकता है.
रामनरेश
कामत ने बच्चों एवं शिक्षकों को यक्ष्मा (टीबी) रोग के लक्षण के बारे में बताते
हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को एक-दो सप्ताह से खांसी हो और वह दवाइयों से ठीक
नहीं हो रहा हो तो उसे बिना विलम्ब किये अपने बलगम की जांच करवानी चाहिए. शाम के
बाद हल्का बुखार आना, वजन कम होना, खांसी के साथ बलगम आना आदि इसके मुख्य लक्षण
हैं. उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक सरकारी अस्पताल में इर रोग के लिए अलग से सेंटर
बनाये गए हैं जहाँ गरीब व्यक्तियों का इलाज बिना खर्च के होता है.
इस अवसर
पर शिक्षक पी. सी. घोष, वंदना कुमारी, सुचित्रा घोष, विजय कुमार, चंद्रमणि गुप्ता,
सीमा गुप्ता, ऋचा कुमारी, रीता गुप्ता, सोमेश झा, ब्रजेश कुमार के अलावे करीब 150
छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे. (नि० सं०)
यक्ष्मा (टीबी) से बचाव पर कार्यशाला आयोजित
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 24, 2015
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