यहाँ मुर्दे भी करते हैं मजदूरी: मनरेगा की लूट कथा

|दिव्य प्रकाश|19 फरवरी 2015|
जिन्दा व्यक्ति को मजदूरी देने की बात तो आम है पर मधेपुरा में मुर्दे को भी मजदूरी दी गई है. मनरेगा योजना में लूट का आलम यह है कि यहाँ एक दशक पूर्व स्वर्ग सिधार चुके व्यक्ति के नाम पर मजदूरी की राशि निकाल ली गई है, जिसका खुलासा सूचना के अधिकार से प्राप्त कागजातों से हुआ है.
       मिली जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिले के बिहारीगंज थाना के सरौनी कला पंचायत में मनरेगा योजना संख्या 01/2010-11 एंव 03/2010-11 जो क्रमशः सरौनी आर.ई.ओ रोड से मोहनपुर सीमा तक 19 लाख की लागत से बनी सड़क एवं शोभा झा के घर से जर्नादन झा के बांस बाड़ी तक 04 लाख की लागत से निर्मित सड़क में फर्जीवारा का आलम यह है कि इसमें मुर्दे को भी मजदूर बनाकर उसके नाम से राशि उठा ली गयी है.
मनरेगा से जुड़े मस्टर रोल में क्रम संख्यां ए.769236 में मजदूर सं0. 05 में सुधन मुखिया, पिता रामजी मुखिया की मृत्यु वर्ष 2003 में ही हुई थी. इसके पिता का सही नाम जहुरी मुखिया है. इसके अलावे मस्टर रोल क्रम संख्या.ए.769507 में मजदूर क्रम संख्या. 10 में शंकर रजक, पिता फकीर रजक की मृत्यु वर्ष 1997 में ही हो चुकी है. यहाँ भी शंकर रजक के पिता का नाम योगी रजक है. इतना ही नहीं पंचायत में उक्त नाम कर कोई व्यक्ति नहीं है.  फिर भी उसके नाम पर राशि की निकासी बड़े गबन की ओर इशारा करती है.
         आरटीआई कार्यकता विपिन कुमार बताते हैं कि मस्टर रोल ही उक्त काम में बड़े फर्जीवारे की कहानी बयां कर जाती है. ये सरकारी राजस्व की बड़ी क्षति है और इससे सरकारी राजस्व को बड़ा नुकसान पहुंचा है. इसलिए मुखिया समेत संलिप्त सभी के खिलाफ जल्द मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.
यहाँ मुर्दे भी करते हैं मजदूरी: मनरेगा की लूट कथा यहाँ मुर्दे भी करते हैं मजदूरी: मनरेगा की लूट कथा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 19, 2015 Rating: 5

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