सीबीएसई के तहत नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानदंडों
पर आधारित हिन्दी की पाठ्यपुस्तक में पूर्व सांसद की लिखी कहानी ‘पर्वत पुरुष: दशरथ’ को शामिल किये जाने के बाद कोसी ही नहीं
पूरे भारत में यह एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया कि व्यक्ति भले ही कैद में हो,
पर कलम हमेशा आजाद रहता है.
आनंद
मोहन की रचना पर जहाँ पूरे इलाके में बुद्धिजीवियों में हर्ष का माहौल है वहीं मधेपुरा में भी
उनके इस कार्य के प्रशंसक कम नहीं हैं. इस बावत मधेपुरा में शिक्षाविदों और
बुद्धिजीवियों की एक बैठक जिला मुख्यालय के वेद व्यास कॉलेज में आयोजित की गई और
उसमें सहरसा कारा में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन की रचना पर विचार प्रकट किये गए.
वार्ड पार्षद ध्यानी यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में वेद व्यास कॉलेज के
प्राचार्य आलोक कुमार, सपा नेता इश्तियाक आलम, अशोक कुमार, परमानन्द यादव, अमित
सिंह मोनी, चन्दन ,मंडल, सुचिन्द्र सिंह आदि ने कहा कि पाठ्यपुस्तक ‘मधुरिका’ में भारत के दिग्गज लेखकों, जैसे जयशंकर प्रसाद, यशपाल, मुंशी प्रेमचंद, भीष्म सहनी, शिव मंगल सिंह ‘सुमन’, महादेवी वर्मा, हरिशंकर परसाई आदि के साथ लेखक आनंद मोहन की कहानी को स्थान दिया जाना कोसी के साहित्यिक
विकास में मील का पत्थर माना जा सकता है.
(नि० सं०)
पूर्व सांसद आनंद मोहन की कहानी सीबीएसई में शामिल होने पर मधेपुरा में हर्ष
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 23, 2015
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