टूटी दीवार, 7 दिन बाद कैद से बाहर हुए लोग: मुख्य पार्षद की भूमिका सराहनीय

जिला मुख्यालय के वार्ड नं.1 में एक सप्ताह से चल रहा गतिरोध आज उस समय समाप्त हो गया जब मधेपुरा नगर परिषद् के मुख्य पार्षद समेत कई वार्ड पार्षदों ने मौके पर पहुंचकर अगल-बगल के जमीन मालिकों के साथ एक नई पंचायत कर मामले को सुलझा लिया.
      मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य पार्षद ने कल मधेपुरा टाइम्स से कहा था कि नगर परिषद् क्षेत्र की सभी जनता उनके लिए बराबर है और दीवार देने के कारण अंदर बंद लोगों को निकालने के लिए वे अभी भी प्रयासरत हैं. आज सुबह विवादित स्थल पर जब विवादित स्थल पर मुख्य पार्षद, वार्ड नं.1 के वार्ड पार्षद तथा अन्य कई वार्ड पार्षदों के पहुँचने की सूचना मिली तो सम्बंधित सभी जमीन मालिकों से करीब पांच घंटे की चली मैराथन वार्ता के दौरान मधेपुरा टाइम्स की टीम भी साथ मौजूद रही.
      अंत में सभी पक्षों की सहमति से एक समझौता स्थापित हुआ कि तत्काल दो महीने के लिए आगे से रास्ता खोल दिया जाए और इस बीच में पीड़ित शिक्षक प्रभु महतो अन्य जमीन मालिकों की उपस्थिति में अपनी जमीन की मापी कराएँगे और फिर आपसी बातचीत से पूरब या पश्चिम से जमीन मालिकों के सहयोग से उन्हें सड़क तक आने के लिए समुचित रास्ता प्रदान किया जाएगा.
      सभी पक्षों की सहमति के बाद शिक्षक प्रभु महतो के घर के गेट के सामने प्रभु महतो, मुख्य पार्षद डॉ० विशाल कुमार बबलू समेत कई दर्जन लोगों और दीवार देने वाले जमीन मालिक रामोतार यादव की उपस्थिति में सामने से ही पहले की दीवार के बगल से प्रभु महतो की दीवार को तुरंत ही तोड़ कर रास्ता निकालने का निर्णय लिया गया और फिर वार्ड पार्षदों ने ही पहला हथौरा उठाया और उसके बाद तो देखते ही देखते दीवार टूट गई और घर के लोग बाहर निकल गए.
      आज की दीवार टूटना और घर में कैद लोगों का बाहर आवागमन शुरू होना निश्चित रूप से मुख्य पार्षद डॉ० विशाल कुमार बबलू के कार्यकाल की एक बड़ी सफलता मानी जा सकती है. चूंकि मामले में जिला प्रशासन ने भी संज्ञान लिया था और अंचलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट भी समर्पित की थी. पर कानूनी प्रक्रिया में और आगे जाने पर एक अच्छा-ख़ासा समय लग सकता था और कैद के लोगों की जिंदगी नारकीय हो सकती थी.
      वैसे भी विवादों और मुकदमों के बढ़ते बोझ को देखते भारत के उच्चतम न्यायालय का भी आपसी सुलह पर ही जोर है और लोक अदालत जैसी संस्थाओं के द्वारा भी पंचायत से मामले को सुलझाना बेहतर माना गया है. और आज की दीवार गिरना ये भी दर्शाता है कि यदि ढंग से सबों को समझाया जाय तो मधेपुरा के लोग भी समझदारी में पीछे नहीं हैं.
      पूरे मामले को सुलझाने का श्रेय विवाद में शामिल सभी पक्षकारों के अलावे वार्ड पार्षद पति मो० इसरार, वार्ड पार्षद दुखा महतो, ध्यानी यादव, मुकेश कुमार मुन्ना आदि को जाता है. कुल मिलाकर 17 दिसंबर से चले आ रहे गतिरोध का ये हैप्पी इन्डिंग माना जा सकता है.
टूटी दीवार, 7 दिन बाद कैद से बाहर हुए लोग: मुख्य पार्षद की भूमिका सराहनीय टूटी दीवार, 7 दिन बाद कैद से बाहर हुए लोग: मुख्य पार्षद की भूमिका सराहनीय Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 25, 2014 Rating: 5

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