
मृतका के पति राजीव साह के द्वारा बताया गया कि महज 18 माह पहले हुई शादी के बाद
सोनी जब मां बनने वाली थी तो मधेपुरा के निजी अस्पताल प्रधी यादव नर्सिंग होम में भर्ती
कराई गई, जहां चिकित्सकों ने बीते 22 अगस्त को उसका
ऑपरेशन किया और पेट में कपड़ा छोड़ दिया. कपड़े के सड़न के कारण धीरे-धीरे सोनी ने पेट
दर्द की शिकायत शुरू कर दी. परिजनों का यह भी आरोप है कि निजी क्लीनिक के डाक्टर के
सलाह लिया तो डाक्टर साहब ने पेट दर्द की दवा दे कर मरीज को लगभग तीन महीने तक रखा.
परिजनों का सब्र जब जबाब दे दिया तो तीन महीने के बाद सहरसा के एक निजी क्लीनिक में
सोनी को ले गए, जहां अल्ट्रासाउंड के रिपोर्ट के आधार पर बताया गया की उसके पेट में
कुछ गांठ जैसा है जिसका ऑपरेशन करना होगा. इस बात को सुन परिजन सोनी को पटना ले गए,
जहां उसे जे.एच. अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां ऑपरेशन कर उसके पेट से सड़ा हुआ
कपड़ा तो निकाला गया लेकिन सोनी की जान नही बचाई जा सकी. पटना के डाक्टरों ने बताया
कि उसके शरीर में इन्फेक्शन पूरी तरह फ़ैल गया था और उसके पेट में सड़न पैदा हो गई थी.
परिजन मामले को पुलिस और थाने में जाने की सोच ही रही थी कि कुछ लोग मामले की लीपा-पोती करने में
जुट गए. मधेपुरा कर्पूरी चौक स्थित पीड़ित के परिजन के घर के सामने सोनी की लाश देर
रात तक एम्बुलेंस पर रखी रही. पुलिस के लोग बस सैकड़ों की भीड़ का मुआयना करते रहे.
सदर
एसडीपीओ कैलाश प्रसाद ने भी घटना का समर्थन करते हुए कहा कि मृतिका के परिजन ने
पूरी कहानी उन्हें बताई थी और उन्होंने इन्स्पेक्टर को मामले को हल करने भेजा था.
आरोप के बावत सम्बंधित महिला चिकित्सक का पक्ष अब तक प्राप्त नहीं हो सका है.
उधर विपक्ष ने मधेपुरा में लगातार डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर सांसद पप्पू यादव पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. भाजपा नेता शौकत अली और दिलीप सिंह ने कहा है कि सांसद का चिकित्सकों के खिलाफ अभियान उनके ही संसदीय क्षेत्र में सफल नहीं हो पा रहा है.
देखें इस वीडियो को और सुनें क्या कहा इस मामले पर एसडीपीओ, शौकत अली और दिलीप सिंह ने, यहाँ क्लिक करें.
मधेपुरा में फिर एक महिला चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप: रोगी महिला की मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 01, 2014
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