एसपी आनंद कुमार सिंह के कार्यकाल के पूरे हुए एक वर्ष: अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय सफलता से जिले में अमन-चैन का राज हुआ कायम (भाग-2)

मधेपुरा
में चोरी और छोटे-छोटे लूट में शामिल छुटभैये अपराधियों की संख्यां अधिक थी, पर
कुछ बड़े आतंक ने दियारा क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम कर रखा था. एक विशेष रणनीति
बना कर एसपी आनंद कुमार सिंह ने महज एक साल के अबतक के कार्यकाल में पुलिस और आम
जनता के लिए सरदर्द बने करीब सारे कुख्यातों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
बताया जाता है कि मधेपुरा में जब चौसा-दियारा क्षेत्र में कुख्यात अपराधी
धुर्वा यादव की सक्रियता की जानकारी एसपी को मिली तो फिर उन्होंने उसकी गिरफ्तारी
की योजना बनाई. एसपी आनंद कमार सिंह कहते हैं कि वे जब नौगछिया में पदस्थापित थे
तब भी उन्होंने वहां धुर्वा
को गिरफ्तार किया था और चेतावनी दी थी. धुर्वा मधेपुरा
के आलमनगर और भागलपुर के बिहपुर भवानीपुर थाने के कई हत्या समेत डेढ़ दर्जन से अधिक
संगीन मामलों में वांछित था. पर कुछ महीने पहले जब धुर्वा मधेपुरा पुलिस के हत्थे
चढ़ा तो इलाके के लोगों ने चैन की सांस ली.

इसी तरह उदाकिशुनगंज
अनुमंडल के आलमनगर, चौसा, पुरैनी आदि इलाकों में आतंक बना कुख्यात अपराधी छबिया
उर्फ छविलाल बिहारीगंज थाना के चार केसों में वांछित था जिसमे हत्या, हत्या के प्रयास और लूट जैसे मामले
भी शामिल थे. सिंटू मेहता भी छविलाल का सहयोगी था और इस दोनों की गिरफ्तारी ने उस
इलाके को बड़ी राहत पहुंचाई. पंकज मुनि चौसा का आतंक था और एक बड़े गिरोह को संचालित
करने में उसकी बड़ी भूमिका थी. इसी तरह मधेपुरा पुलिस के शिकंजे में आया बडहरा कोठी
निवासी रंजीत मंडल तीन जिलों का आतंक माना जाता था जिसपर पुरैनी, बडहरा कोठी (रघुवंश नगर), सहरसा, भवानीपुर, बिहारीगंज आदि थानों में दर्जनों मामले
लंबित थे और माना जाता था कि हत्या, लूट, रंगदारी और ट्रेन डकैती जैसे अपराधों में रंजीत मंडल माहिर था. पर मधेपुरा
पुलिस के हत्थे चढ़ जाने के बाद ये निरीह हो गए और इनके गिरोह की ताकत भी जाती रही
क्योंकि मधेपुरा पुलिस ने इन्हें बड़ी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार किया
था.
महज एक साल के छोटे से कार्यकाल में अपराध नियंत्रण
में यदि मधेपुरा ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की और लोगों में क़ानून के प्रति विश्वास
कायम हुआ तो इसका पूरा श्रेय निश्चित रूप से पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सिंह को
जाता है जिनकी बनाई रणनीति ने एक-एक कर सारे बड़े अपराधियों को उनकी वाजिब जगह यानि
सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. यही नहीं एसपी आनंद कमार सिंह के गत एक साल के
छोटे से कार्यकाल में करीब 50 केशों में सौ से अधिक अपराधियों को सजा दिलवाने का
श्रेय भी उनको जाता है जिसमें से करीब 60 अपराधी उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं.
मधेपुरा टाइम्स की ओर से एसपी आनंद कुमार सिंह को
उनके सफलतम एक वर्ष पूरे करने पर हार्दिक शुभकामनाएं.
एसपी आनंद कुमार सिंह के कार्यकाल के पूरे हुए एक वर्ष: अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय सफलता से जिले में अमन-चैन का राज हुआ कायम (भाग-2)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 25, 2014
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