
गुरु जी
का सिखाया-पढ़ाया पाठ, विज्ञान के सामने फेल हो गया. कल छात्रा ने न्यायालय में
आवेदन देकर खुद के बालिग़ होने का दावा किया था तो न्यायालय ने छात्रा के उम्र
निर्धारण के लिए मेडिकल बोर्ड बिठाने का आदेश दिया. मेडिकल बोर्ड ने आज अपनी
रिपोर्ट न्यायालय को सौंप दी जिसके मुताबिक छात्रा की उम्र 15 से 17 साल के बीच
है, यानि भारतीय क़ानून के मुताबिक छात्रा नाबालिग है.
उधर आज
छात्रा के पिता ने न्यायालय में आवेदन देकर बेटी को अपने साथ ले जाने की इच्छा
जाहिर की और कहा कि वह अपनी बेटी को अच्छे से रखेगा और इन बातों का उलाहना नहीं
देगा. न्यायालय ने पिता को अपनी नाबालिग बेटी को ले जाने की अनुमति दी तो छात्रा
पिता से न्यायालय में ही लिपट कर फूट-फूट कर रोने लगी मानो उसे अबतक किये गलती का
एहसास हो रहा हो.
फंस गए मजनू मास्टर: चूंकि शादीशुदा और दो
बेटियों का बाप मृत्युजंय मास्टर पर एक नाबालिग छात्रा को भगाने का आरोप था इसलिए
न्यायालय ने मास्टर साहब को गिरफ्तारी के बाद जेल भेजने में पल भर की देर न की.
मास्टर का भविष्य न्यायालय में छात्रा के दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 पर
टिका हुआ था. छात्रा ने न्यायालय में स्वेच्छा से जाने की बात की तो एकबार लगा कि
इस बयान के आधार पर गुरु जी को जल्दी ही जमानत मिल जायेगी, पर अब जब मेडिकल बोर्ड
ने छात्रा को नाबालिग घोषित कर दिया है तो क़ानून इसे प्रेम-सम्बन्ध कम छात्रा को
बहला-फुसलाकर भगाने का मामला ज्यादा मानेगी. यानी दिलफेंक गुरुजी के अब जेल से
जल्द निकलने के आसार कम लग रहे हैं. गुरु जी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 366 A लगेगी जिसमें यदि छात्रा को बाद में माँ-बाप के
साथ रहते सुबुद्धि हो जाती है तो इस मनचले मास्टर साहब को 10 वर्ष की जेल और
जुर्माना भी हो सकता है.
(वि० सं०)
पिता ने जब घर ले जाने को बाहें फैलाई तो फूट-फूटकर रोई छात्रा: मजनूँ गुरुजी जेल में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 28, 2014
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