टीवी सीरियल का असर हो या मोबाइल युग का या फिर कुछ
और. पर एक बात अभी दावे के साथ कहा जा सकता है कि समाज से संस्कार का बुरी तरह
ह्रास हुआ है और कम उम्र के कई लड़के-लड़कियां आज अपनी करतूत से अभिभावकों को आठ-आठ
आंसू रोने को विवश कर रहे हैं.
मधेपुरा
जिले के मुरलीगंज वार्ड नं. 10 की ग्यारह वर्षीया अंजलि (बदला हुआ नाम) गत 9
अक्टूबर को गायब हुई तो माँ ने बगल में हॉस्टल के रहने वाले चंडीस्थान, कुमारखंड
के रतन कुमार समेत सात लड़कों पर उनकी बेटी के अपहरण का मामला थाना में दर्ज करा
दिया. बताया गया कि लड़की पूर्णियां में वर्ग 5 में पढ़ती थी. अपहृता की माँ ने यह
भी आरोप लगाया कि उनसे फिरौती की भी मांग की गई.
पर
रावलपिंडी, पंजाब से बरामद छात्रा ने मधेपुरा टाइम्स के सामने दबी जुबान से
स्वीकार किया कि वह रतन के साथ स्वेच्छा से गई थी. उधर बरामद छात्रा के पिता ने
कहा कि उनकी बेटी के साथ जबरदस्ती की गई है और उसका अपहरण हुआ था.
मामले
में मुरलीगंज थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मुकेश छात्रा का मेडिकल टेस्ट और न्यायालय
में बयान दर्ज कराने की तैयारी कर रहे थे ताकि मुकदमें में अग्रिम कार्यवाही की जा
सके.
12 साल की मुरलीगंज की अपहृता छात्रा हुई पंजाब से बरामद: अपहरण था या स्वेच्छा से गई थी?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 20, 2014
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मेरे हिसाब से अब हर पिता को अपने लड़की की शादी १४ वर्ष की उम्र में ही कर देनी चाहिए
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