‘डांस स्पोर्ट्स चैम्पियशिप’ पर दूसरा धब्बा: नेशनल चैम्पियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट को किया उपेक्षित बिहार सरकार के सम्मान समारोह में
बिहार स्टेट डांस स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप 2013-14 के तरीके और चयन
प्रक्रिया पर जहाँ पहले मधेपुरा की अंजलि के बयान से विवाद उत्पन्न हुआ वहीँ अब इस
चैम्पियनशिप पर एक और बड़ा धब्बा लगता दिख रहा है.
जिला
स्तरीय से राज्य स्तरीय और फिर देश स्तर पर होकर इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल
प्राप्त बिहार के दो प्रतिभागियों को बिहार सरकार से सम्मान दिलाने बुलाया ही नहीं
गया. हैरत की बात ये है कि ये दोनों प्रतिभागी अर्चना विनोद (7 वर्ष) और अर्जुन
विनोद (12 वर्ष) बिहार टॉपर भी रहे थे. चंडीगढ़ में हुए नेशनल डांस स्पोर्ट्स
चैम्पियशिप’ में
इन दोनों स्वर्ण पदक प्राप्त विजेताओं और इनके माता-पिता को ये तक नहीं मालूम गत
29 अगस्त को पटना में खेल दिवस पर बिहार सरकार ने तृतीय बिहार स्टेट डांस स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप 2013-14 में चुने गए चैम्पियन
को खेल सम्मान, प्रमाणपत्र और प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया गया.
मधेपुरा
टाइम्स पर अंजलि के चेक की राशि में से आयोजकों के द्वारा कमीशन ले लेने से
सम्बंधित खबर छपने के बाद गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना विनोद और अर्जुन विनोद के पिता और
हिन्दुस्तान लीवर के अधिकारी के. आर. विनोद ने मधेपुरा टाइम्स कार्यालय आकर जो
सच्चाई सुनाई वो न सिर्फ इस प्रतियोगिता से जुड़े लोगों की शर्मनाक हरकत बताती है
बल्कि कई लोगों के इस दावे का भी समर्थन करती है कि ऐसे कार्यक्रम खाओ-पकाओ होते
हैं और इसमें भाई-भतीजावाद हावी रहता है.
के. आर.
विनोद ने बताया कि चंडीगढ़ में गोल्ड मेडल मिलने के बाद उनसे यह कहा गया कि आप रूम
रेंट आदि के चार हजार रूपये जबतक नहीं देते हैं तबतक आपको सर्टिफिकेट नहीं दिया
जाएगा. मुझे चार हजार रूपये आयोजकों को देने पड़े और तब सर्टिफिकेट ले पाया. श्री
विनोद ने बताया कि बाद में मुझे किसी ने कहा कि आप बिहार के नहीं हैं इसलिए आपके
बच्चों को खेल मंत्री के द्वारा पुरस्कार के लिए नहीं चुना जाता है. वे कहते हैं
कि मेरी बेटी का जन्म बिहार में हुआ है और मैं दस वर्षों से यहाँ रहता हूँ. यदि
ऐसा है तो एक तो मेरे साथ इस आधार पर पक्षपात करना अन्याय है दूसरा कि यदि ऐसा था
तो मुझे शुरू में ही कहा जाता और फिर मेरे बच्चे तो नेशनल चैम्पियनशिप जीते हैं.
हालांकि
इस बात की पुष्टि जिला डांस स्पोर्ट्स एशोसिएशन के सचिव सावंत कुमार रवि भी करते
हैं कि चंडीगढ़ में गोल्ड मैडल से मधेपुरा की ओर से अर्चना विनोद और अर्जुन विनोद
को ही सम्मानित किया गया था. वैसे भी किसी भी राज्य में पूरे देश से लोग नौकरी
करने या जीविकोपार्जन करने आते हैं और उन्हें उस राज्य में भी वही सुविधा दे जानी
चाहिए जो हम औरों को देते हैं. ‘राज ठाकरे’ जैसी मानसिकता नफरत और घृणा के अलावे कुछ नहीं दे सकती.
पूरा
मामला गंभीर है. दो टैलेंटेड बच्चों के पिता भी इस घटना से मर्माहत हैं. कहते हैं
इनकी करतूत से उम्दा प्रदर्शन करने वाले मेरे बच्चों का मनोबल टूटा है और मैंने
अपने बच्चों को अब वापस केरल भेज दिया है.
बिहार
को शर्मशार करने वाली इन प्रतियोगिताओं को देखकर तो ऐसा ही लगता है कि यहाँ जिला
स्तर के आयोजकों से लेकर सरकार तक फर्जी है. और ऐसी घटनाएं बिहार के गौरवशाली
इतिहास और सुधरती छवि पर पर कीचड़ छींटने के समान है.
सुनें एक और पिता का दर्द इस वीडियो में, यहाँ क्लिक करें.
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‘डांस स्पोर्ट्स चैम्पियशिप’ पर दूसरा धब्बा: नेशनल चैम्पियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट को किया उपेक्षित बिहार सरकार के सम्मान समारोह में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 02, 2014
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