मधेपुरा के लोगों को एक मुद्दा मिल गया. रोज सुबह
उठते अखबार में सबसे पहले मधेपुरा पेज पर देखते हैं कि जिला मुख्यालय से गायब लड़की
के मामले में क्या प्रगति हुई. एक मायने में इसे समाज की संवेदनशीलता कहा जा सकता
है, पर चर्चा यह भी है कि अंकिता और सोहैल की जान-पहचान गहरी थी और अंकिता ने
स्वेच्छा से घर छोड़ा है. कहा यह भी जाता है कि जिस रात अंकिता गायब हुई थी,
परिजनों ने जब उसे खोजने का प्रयास किया था तो सोहैल के जयपालपट्टी निवासी मित्र
सुमन ने अंकिता को मोटरसायकिल से पटना पहुँचाया था. फिर वे दिल्ली चले गए.
मामला
अचानक से सुलग गया जबकि जिले में ऐसी घटनाएं रोजमर्रा की बातें हो गई हैं. बढते
खुलापन और अभिभावकों की गलती से भी ऐसी घटनाएं घटती है. यह बात यदि आप न मानें तो
यकीन मानिए कि आप सच्चाई से मुंह मोड़ रहे हैं. अंकिता और सोहैल की दोस्ती कई लोगों
को पहले से पता थी, खासकर दोनों के कई दोस्त इस बात को जान रहे थे. घटना की रात भी
अंकिता अचानक से घर से गायब हुई थी. यदि बंद घर को तोड़कर अपहरण होता तो शायद शोर
मचता और परिवार को ही नहीं, मोहल्लेवालों को भी इस बात का पता चलता.
मामला यदि कानूनी पेंच में फंसा दिख रहा है तो सिर्फ अंकिता के नाबालिग होने के मुद्दे पर. नाबालिग को भगाना कानूनन अपराध है, पर दूसरी तरफ ये भी बात दिल्ली गैंग रेप के बादसे

मामला
यदि सामाजिक पेंच में फंसा है तो ये दो अलग-अलग धर्म के लड़के और लड़कियों के होने
की वजह से. पर कानून किसी भी अंतरजातीय या अंतरधर्मीय विवाह को नहीं रोकता है. कई
जगह इसे प्रोत्साहित भी किया जाता है ताकि समाज के ठेकेदारों की पहली पसंद दहेज
प्रथा देश से खत्म हो सके.
क़ानून
के मुताबिक यदि अंकिता ने मर्जी से धर्म परिवर्तन कराया और दोनों ने यदि मर्जी से
निकाह किया तो इस मामले में हम अंकिता और सोहैल का बहुत कुछ नहीं बिगाड़ सकते. हाँ,
लड़की की बरामदगी होनी चाहिए. पर बरामदगी के बाद यदि अंकिता न्यायालय के समक्ष दंड
प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बयान में मर्जी से सोहैल के साथ जाने और धर्म
परिवर्तन कर निकाह करने की बात कबूलती है तो नए कानून के मुताबिक परिजनों के
द्वारा अंकिता के नाबालिग होने के दावे पर अंकिता की उम्र निर्धारण के लिए मेडिकल
बोर्ड बिठाया जा सकता है और यदि मेडिकल बोर्ड ने अंकिता की उम्र 16 साल भी करार दी
तो नए क़ानून के मुताबिक स्वेच्छा से शादी और लड़की के मेंटली मैच्योर होने की
स्थिति में अंकिता को उम्र में दो साल का ग्रेस देकर उसे न्यायालय बालिग़ करार दे
सकती है. और ऐसे मामले में आरोपी समेत सभी को जल्द जमानत मिल सकती है. यदि ऐसा हुआ
तो सारा मामला टांय टांय फिस्स्स्स्स.
उधर
अंकिता-सोहैल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अंकिता का दावा है कि पिता ने
नौकरी वगैरह में उम्र ज्यादा समय तक रहने के लिए नगर पालिका में उसकी जन्मतिथि बढ़ा
कर लिखाई थी. वह बालिग है और 18 साल पूरे कर चुकी है और अपनी जिंदगी के फैसले लेने
के लिए स्वतंत्र है. देखा जाय तो यह बात किसी से नहीं छुपी है कि स्कूलों में
अभिभावकों के निर्देश पर जन्मतिथि में हेर-फेर की जाती है और शायद ऐसे कम ही
छात्र-छात्रा हमारे बीच होंगे जिनकी सर्टिफिकेट उम्र और वास्तविक उम्र समान हो.
पर सारा
मामला सोहैल और उसे साथ देने वालों के लिए तब उल्टा पड़ सकता है जब यदि अंकिता
कोर्ट में आकर सोहैल के खिलाफ बयान दे देती है.
गायब छात्रा मामला: यदि स्वेच्छा से गई तो आपका हल्ला करना बेकार, जानिये क़ानून
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 01, 2014
Rating:

No comments: