नेपाल के तराई क्षेत्र में बारिश रूकने और कोसी के जलस्तर
में कमी के कारण खतरा कम गया है. नेपाल के नदी में गिरे अवरोधक को विस्फोटक से हटाने
का काम फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. यह निर्णय काठमांडू में भारत-नेपाल के उच्च स्तरीय
बैठक में लिया गया है. सीमापार सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब नदी की धारा को चौड़ा
कर अधिकतम 9 से 10 हजार क्यूसेक पानी निकाले जाने का निर्णय हुआ है. फिलवक्त, प्रभावित इलाकों की स्थिति
पर सेटेलाइट से नजर रखी जा रही है. राहत व बचाव कार्य के लिए सुपौल को सेना का हेडक्वाटर
बनाया गया है. खाली पड़े गांवों में संपत्ति की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती
की गयी है.
इधर, जल संसाधन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,
मंगलवार की सुबह सात
बजे बराह क्षेत्र में 1 लाख 14 हजार 200 क्यूसेक तथा बराज पर 1 लाख 72 हजार 15 क्यूसेक डिस्चार्ज रिकार्ड किया
गया है. दोनों जगहों पर पानी घट रहा है.
स्परों पर कोसी बजा रही खतरे की घंटी
कोसी नदी में पानी घटने के कारण स्परों पर फिर से पानी
का दबाव बढने लगा है। पूर्वी तटबंध के कोढ़ली गांव के समीप स्पर संख्या-18.27 के साथ ही स्पर संख्या-
23.7, 10 तथा
98 पर कोसी
का दबाव बना हुआ है. अधीक्षण अभियंता धरनीधर प्रसाद ने बताया कि खतरे की कोई बात नहीं
है. दबावस्थल पर सुरक्षात्मक कार्य जारी है. फ्लड फाइटिंग के अध्यक्ष सहजानंद सिंह,
कार्यपालक अभियंता
ओमप्रकाश, कनीय अभियंता जयंत भारती, कमलेश भंडारी सहित अन्य स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. बचाव कार्य
में दो दर्जन से अधिक मजदूर लगे हुए हैं.
अपडेट: खतरा हुआ कम, अवरोधक को विस्फोटक से हटाने का काम फिलहाल स्थगित
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 05, 2014
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