बबलू के चेयरमैन बनने से समर्थकों में जश्न का माहौल: पर काँटों भरा ताज है चेयरमैन के सर पर

|मुरारी कुमार सिंह|23 जुलाई 2014|
विशाल कुमार बबलू मधेपुरा नगर परिषद् के नए चेयरमैन हो चुके है. मतगणना के बाद उन्हें जिला प्रशासन ने इस आशय का प्रमाणपत्र भी दिया है. जीत के बाद समर्थक वार्ड पार्षदों और समर्थक जनता ने एक-दूसरे को अबीर गुलाल लगाया और जमकर बबलू यादव, जिंदाबाद के नारे भी लगाए. शहर में विजय जुलुस निकला और भीड़ की मनोदशा से ऐसा ही लगता था था जैसे अब अच्छे दिन आ गए हैं.
      समाहरणालय के सभागार से जीत का प्रमाणपत्र लेकर निकले नए चेयरमैन विशाल कुमार बबलू के चेहरे पर गंभीरता भरी खुशी दिखाई दे रही थी. नगर परिषद् के चेयरमैन बनने का सपना तो पूरा हुआ है, मगर वे जानते हैं कि जनता यदि उनपर विश्वास कर रही है तो इस विश्वास को कायम रखना भी उतनी ही बड़ी चुनौती होगी. शायद यही वजह थी कि जीत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते नए चेयरमैन ने कहा कि हम अभी कुछ नहीं बोलेंगे, काम करेंगे तब बोलेंगे.
      सच ही कहा नए चेयरमैन ने. नगर परिषद् मधेपुरा में काम करना काफी मुश्किल सा हो चला है. काँटों का ताज पहने विशाल कुमार बबलू के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने साथ के वार्ड पार्षदों को मिलाकर रखना होगा. उन्हें समर्थन दे चुके 18 वार्ड पार्षदों में कई वही हैं जो इससे पहले पूर्व चेयरमैन विजय कुमार बिमल के खेमे में थे और उनके पिछले पांच साल और इस बार के दो साल के कार्यकाल में वे अपने वार्ड का समुचित विकास नहीं कर सके. नगर परिषद् क्षेत्र के अधिकांश लोगों का मानना है कि कई वार्ड पार्षद खाओ-पकाओ की राजनीति में भरोसा रखते हैं और यदि इन्हें खाने-पकाने का अवसर नहीं मिला तो वे गुटबंदी कर दो साल के बाद फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने के प्रयास में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे.
      नए चेयरमैन के सामने दूसरी चुनौती नगर परिषद् के अधिकारियों और कर्मियों की कार्यशैली को लेकर हो सकती है. विरोधी खेमे में रहते पूर्व चेयरमैन के कार्यकाल के दौरान वर्तमान चेयरमैन ने कार्यपालक पदाधिकारी समेत अन्य अधिकारी और कर्मियों पर भी मिलीभगत और मनमानी करने का आरोप लगाया था. वर्तमान में भी वही अधिकारी और कर्मी नगर परिषद् में मौजूद हैं. यदि उनकी कार्यशैली वास्तव में आपत्तिजनक थी तो उन्हें भी पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.
      और सबसे कठिन है जनता के विश्वास पर खरा उतरना. नगर परिषद् के सभी 26 वार्डों की स्थिति नारकीय है. शहर में नाला की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण मुहल्लों में पैदल चलना मुश्किल हो गया है. सड़कों के बगल में गंदगी का अम्बार रहता है और सूअरों की आपस में भिड़ंत से आम आदमी सड़क पर चलने से खौफ खाते हैं.
      नए चेयरमैन के सामने चुनैतियाँ कई हैं और इन चुनैतियों से वे अयोग्य मंत्रियों के सहारे किस रणनीति के तहत लड़ पाते हैं, ये आने वाले वक्त के गर्भ में छुपा है. हालाँकि वे नगर परिषद् के विकास के प्रति आशान्वित हैं. कहते हैं जनता हमें सहयोग करे और यदि खामी निकाले तो हमें सलाह भी दे ताकि हम उनके विश्वास पर कायम रह सकें. खैर, चलिए ! तब तक के लिए हमारी ओर से भी नए मुख्य पार्षद को शुभकामनाएं.
बबलू के चेयरमैन बनने से समर्थकों में जश्न का माहौल: पर काँटों भरा ताज है चेयरमैन के सर पर बबलू के चेयरमैन बनने से समर्थकों में जश्न का माहौल: पर काँटों भरा ताज है चेयरमैन के सर पर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 23, 2014 Rating: 5

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