|वि० सं०|31 जुलाई 2014|
जिला मुख्यालय के गुलजारबाग से गत 14 जुलाई की रात
से गायब अंकिता मामले में पुलिस ने भले ही आज मुख्य आरोपी मो० सोहैल के खिलाफ
न्यायालय कुर्की जब्ती का आदेश लेने में सफल हो गई हो, पर पुलिस को इस कुर्की से
शायद ही कुछ हासिल हो सके. बता दें कि इस मामले में आरोपी के पिता को पहले ही
गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस को दिए कुर्की में न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया
है कि जो संपत्ति मो० सोहेल के नाम से है, सिर्फ उसी को जब्त किया जाय. मतलब साफ़
है पिता के नाम की संपत्ति को अब पुलिस कुर्क नहीं कर सकेगी. माना यही जा रहा है
कि मो० सोहैल के नाम से शायद ही कोई संपत्ति पुलिस को कुर्क करने लायक मिल सके.
क्या कहता है भारतीय क़ानून?: भारतीय
क़ानून में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 83 के तहत की जाने वाली
कुर्की आरोपी के गिरफ्तार न होने या न्यायालय में आत्मसमर्पण न करने की स्थिति में
किया जाता है. कुर्की कर पुलिस आरोपी पर दवाब बनाती है ताकि वह खुद को क़ानून की
शरण सौंप दे. अंकिता-सोहैल मामले में जहाँ आरोपी सोहैल के पिता जावेद अंसारी को गिरफ्तार
कर जेल भेजा जा चुका है और अब पिता क़ानून के शिकंजे में है तो फिर पिता के नाम की
संपत्ति को कुर्क नहीं किया जा सकता है. वैसे भी इस मामले में पुलिस को मुस्लिम
प्रोपर्टी लॉ के हिसाब से ही काम करना होगा.
गायब छात्रा मामला: पुलिस को आरोपी के खिलाफ कुर्की तो मिली, पर शर्तों के साथ
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 31, 2014
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