|डिक्शन राज|30 जून 2014|
मधेपुरा जिले के गम्हरिया थानान्तर्गत सूर्यगंज गत
28 जून को एक पिकअप वैन से 7 वर्षीय बच्चे मो० शाहरूख की मौत के बाद भले ही सड़क जाम
किये गए हों और पुलिस तथा प्रशासन के लोगों ने जाम को हटवा दिया हो, पर उसके बाद
का घटनाक्रम कुछ और ही संकेत दे जाता है.
कई
ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद उन्होंने खदेड़ कर पिकअप वैन को पकड़ा था. उसके
बाद ग्रामीणों ने पिकअप वैन को एक ग्रामीण के ही दरवाजे पर लगा दिया. पुलिस ने भले
ही जब्ती सूची बना लिया हो, पर अब चर्चा है कि ग्रामीणों ने वाहन मालिक से 35 हजार
रूपये में डील कर लिया है और वाहन मालिक पिकअप वैन लेकर चलते बने हैं और पुलिस
मुंह ताकती रह गई है. पिकअप वैन मधेपुरा जिला मुख्यालय के पुरानी बाजार से सम्बंधित बताया जाता है. उधर मृतक के परिजनों ने पुलिस को लाश का पोस्टमार्टम भी नहीं
करने दिया.
सबसे
बड़ा सवाल यह है कि पुलिस ने दुर्घटना घटित करने वाले वाहन को जब्त नहीं कर उसे किस
स्थिति में ग्रामीणों को सौंप दिया. और यदि पुलिस ने पिकअप वैन की जब्ती सूची बनाई
तो फिर बिना न्यायालय के रिलीज आदेश के उसे ग्रामीणों ने ही कैसे वाहन मालिक को
सौंप दिया.
मामला
जांच का बनता है और यदि ग्रामीणों का कहना सही है तो फिर इसे पुलिस की नाकामी ही
कही जायेगी. या फिर इस डील में पुलिस भी शामिल है, नहीं तो वाहन मालिक को वाहन सौंप
कर कानून तोड़ने वाले ग्रामीणों पर भी कार्यवाही तो बनती ही है.
35000 में हुआ डील, मुंह ताकती रह गई गम्हरिया पुलिस ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 30, 2014
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