मधेपुरा सदर अस्पताल का पोस्टमार्टम रूम. एक खंडहर
नुमा कमरा बनकर रह गया है. यहाँ होता है पोस्टमार्टम जैसा गंभीर काम. मधेपुरा सदर
अस्पत्ला में अलग-थलग पड़ा या कक्ष मानो अपने अंतिम दिन गिन रहा हो.
जिले भर
में किसी की मौत हो और मामला पुलिस में दर्ज हो तो लाश को पोस्टमार्टम के लिए यहीं
लाया जाता है. चिकित्सक इस कक्ष में आते हैं और उनके देखरेख में राजो मल्लिक नामक
शख्स यहाँ लाशों की चीरफार करता है. पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सक इस कमरे का उपयोग
करते हैं, पर इस कमरे, जहाँ किये गए पोस्टमार्टम मुक़दमे की दिशा तय करती है, उसमें
न तो सफाई ही है और न ही उस भवन की अच्छी स्थिति. (देखें तस्वीर)
यहाँ से
जुड़े अधिकारी भी शायद यथास्थितिवाद में ही भरोसा रखते हैं. ऐसे में पोस्टमार्टम
रूम को ही है पोस्टमार्टम की जरूरत.
पोस्टमार्टम रूम को ही है पोस्टमार्टम की जरूरत !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 22, 2014
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