मधेपुरा में एटीएम बोले तो ‘ऑल टाइम मजाक’ (भाग-1)

|वि० सं०|05 मई 2014|
इमरजेंसी में बैंक में रखे अपने पैसे निकालने की मशीन जिसे हम एटीएम कहते हैं, ऑटोमेटेड टेलर मशीन का संक्षिप्त शब्द है. कई जगहों पर एटीएम के चौबीसों घंटे खुले रहने के कारण कई लोग इसे सुविधा के लिए ऑल टाइम मनी भी कहने लगे जिसे अशुद्ध माना जा सकता है.
      जो भी हो, हम बात कर रहे हैं मधेपुरा के एटीएम की. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम हो या करीब अन्य सभी बैंकों का, दावे और वादे के विपरीत सभी एटीमएम की व्यवस्था काफी लचर है. उद्घाटन के समय बैंकों के अधिकारी स्मार्ट वेशभूषा में भले ही कह दें कि हम बहुत ही अच्छी सुविधा देंगे और हमारा एटीएम हरवक्त खुला रहेगा, लेकिन मधेपुरा में शायद ऐसा कोई एटीएम नहीं है जो अक्सर खराब न रहता हो या फिर जिसे देर शाम के बाद बंद न कर दिया जाता हो.
      मधेपुरा टाइम्स टीम ने जब आज शहर के विभिन्न एटीएम का दौरा किया कि कई एटीएम खराब थे. कहीं तो एटीएम में पासे ही नहीं थे. स्टेट बैंक की मुख्य शाखा का एटीएम भी खराब पड़ा था. हालात इतने बदतर थे कि एडीबी और रेलवे स्टेशन पर के एटीएम पर भीड़ इतनी अधिक थी कि यदि कोई व्यक्ति लाइन में खड़ा होता तो उसे रूपये निकालने में घंटों लग सकते थे. ऐसे में यदि कोई अत्यंत जरूरतमंद व्यक्ति जिसे रूपये की तुरंत जरूरत हो, का मकसद ऐसे एटीएम से पूरा नहीं हो सकता है.
      यहाँ बता देना आवश्यक है कि बैंक अक्सर ग्राहकों के लिए लुभावने स्लोगन का प्रयोग करती है, जैसे ग्राहक हमारी पूँजी है, ग्राहकों की सुविधा का हम खास ध्यान रखते है, आदि आदि. और यह सच सभी जानते हैं कि बैंक का पूरा का पूरा व्यवसाय ही ग्राहकों पर टिका होता है. ऐसे में यदि कोई बैंक ग्राहकों को सुविधा दिए बगैर सिर्फ अपनी पूँजी बढ़ाने के धंधे में लगा रहता है तो ये एक शर्मनाक स्थिति है.
      रिपोर्ट के साथ दी गई तस्वीर मधेपुरा जिला मुख्यालय के स्टेट बैंक मुख्य शाखा के एटीएम की है जो आज भी दिन में भी काफी देर तक खराब रहा और वहाँ मौजूद गार्ड को ये पता नहीं था कि ये कब ठीक होगा.
      अगले अंक में हम मधेपुरा के एटीएम की कुछ और समस्याओं पर चर्चा करेंगे और दिखायेंगे कि कैसे लोग हैं इन एटीएम से परेशान (क्रमश:)
मधेपुरा में एटीएम बोले तो ‘ऑल टाइम मजाक’ (भाग-1) मधेपुरा में एटीएम बोले तो ‘ऑल टाइम मजाक’ (भाग-1) Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 05, 2014 Rating: 5

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