|कुमार शंकर सुमन|08 मार्च 2014|
जिले में मोटरसाइकिल चोरों का गिरोह बहुत ही सक्रिय
है. चोरी की मोटरसायकिल जिले से बाहर कम ही जाती है. इन गिरोहों की मदद करने वाला
एक और गिरोह है, जो चोरी की मोटरसाइकिल की सूरत बदल देता है. सिर्फ बाहर से ही
नहीं, बल्कि मोटरसायकिल के इंजन और चेसिस नंबर में भी छेड़छाड़ कर दिए जाते है. कहा
तो ऐसा भी जाता है कि तीसरा गिरोह भी जिले में सक्रिय है जो इन चोरी गई मोटरसायकिल
की पहचान बदले जाने के बाद फर्जी कागजात तैयार कर जिला परिवहन कार्यालय की मिलीभगत
से फिर से इसका नया रजिस्ट्रेशन करा लेता है और फिर आपकी आँखों के सामने हो सकता
है आपकी चोरी गई मोटरसायकिल जो अब आपकी नहीं रही और कानूनन दूसरे की हो गई.
मुरलीगंज
पुलिस ने शुक्रवार को एक ऐसे गिरोह का
पर्दाफाश किया जो चोरी की मोटरसायकिल की पहचान बदल देता था. गुप्त सूचना के आधार
पर मुरलीगंज थानाध्यक्ष मुकेश कुमार सुमन ने मुरलीगंज के बिहार ऑटो मोटर गैरेज पर
जब छापा मारा तो पता चला कि इस गैरेज में चोरी की मोटरसायकिल की पहचान बदली जाती
है. इस काम में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया जिनमें गैरेज मालिक
जयरामपुर निवासी प्रकाश भगत, मिथिलेश कुमार, प्रकाश कुमार, मुकेश कुमार शामिल हैं.
मौके पर से चोरी की एक बिना नंबर की बजाज डिस्कवर मोटरसाइकिल भी बरामद की गई.
मामला
मुरलीगंज थाना कांड संख्यां 53/2014 के रूप में दर्ज कर अभियुक्तों को जेल भेजे
जाने की तैयारी चल रही थी.
मोटरसाइकिल चोरी कर उसके सामानों के साथ छेड़छाड़ कर सबूत मिटाने वाले गिरोह का पर्दाफाश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 08, 2014
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