‘सदन में पिंजरे बनवाएं’- डा० मधेपुरी


 हाल के दिनों में लोकसभा और कुछ विधानसभा में जो नजारा देखने को मिला वह शर्मनाक है. लोकसभा में जमकर लात-घूंसे चले. संसद के सभी नियमों को तोड़े गए. संसद की मर्यादा को शर्मशार की गई.
      इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाजसेवी एवं जदयू के वरिष्ट नेता डा० भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने कहा कि एक तरफ सर्वोच्च संस्था भारतीय संसद के अंदर सांसदों के प्रवेश पर न तो उनकी चेकिंग के आदेश होते हैं और न ही उनकी एक्सरे स्कैनिंग. फलस्वरूप माननीयों द्वारा मिर्च स्प्रे या चाकू अंदर ले जाना तो मामूली बात है, वे चाहें तो लोड किया हुआ रिवॉल्वर लेकर भी सुगमता पूर्वक सदन में जा सकते हैं.
      जबकि वहीं दूसरी ओर एयरपोर्ट पर आम लोगों की तरह ही सांसदों की भी जांच होती है. डा० मधेपुरी ने कहा कि तामिलनाडु, यूपी, बिहार आदि अनेक विधानसभाओं में प्राय: जूता-जूतौवल तथा सिर-आँख फोड़उअल आम बात हो गई है. तभी तो कभी विपक्ष की नेता सुश्री जयललिता ने कहा था-
      मंत्री जी ने सदन में मेरी साड़ी खींची और मैं सदन में तबतक नहीं प्रवेश करूंगी जब तक मेरे शील को अक्षुण्ण रहने की पूर्ण गारंटी सरकार नहीं ले लेती.
      क्या किसी मसले पर सदन में वोटिंग कराने या वाक आउट होने से रोष जाहिर नहीं होता ? वह दिन दूर नहीं जब चुनाव आने पर देश की जनता सरकार से मांग करेगी कि प्रत्येक विधानसभा ही नहीं बल्कि लोकसभा सदस्यों की सीट पर कुर्सी के चारों तरफ लोहे का पिंजरा बने तथा सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदस्यों को पिंजरे में लगे इलेक्ट्रॉनिक लॉक में बंद हो जाना पड़े जिसका रिमोट कंट्रोल सदन के अध्यक्ष के हाथ में सौंपा जाय.
      भारतीय संसद एवं विधानसभाओं के ऐसे क्रिया-कलापों से हमें दुनियां की नजर में बार-बार शर्मशार न होना पड़े तथा सदन की कार्यवाही भी सुगमतापूर्वक चलती रहे- क्या इसके लिए सरकार सदन में लोहे के पिंजरे के निर्माण की व्यवस्था करेगी ? यदि नहीं, तो क्यों नहीं यह समझा जायगा कि लोकतंत्र का काला दिन आ गया है और अब भारतीय लोकतंत्र खतरे के घेरे में पहुँच गया है !
‘सदन में पिंजरे बनवाएं’- डा० मधेपुरी ‘सदन में पिंजरे बनवाएं’- डा० मधेपुरी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 20, 2014 Rating: 5

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