शहर में कुछ मनचलों की चरित्रहीनता इन्टरमीडिएट की
कुछ महिला परीक्षार्थियों को रोज ही मुसीबत में डालती है. बाहर से आई हुई लड़कियों
में मनचलों को अपनी माँ-बहन चेहरा बिलकुल ही नजर नहीं आता है. परेशान महिला
परीक्षार्थी छेड़े जाने पर अपना दर्द किसे कहें, उनकी समझ से बाहर होता है. कहीं
परीक्षा पर न असर पड़ जाए, ये सोचकर वे चुप रहना ही बेहतर समझती है.
जिला
मुख्यालय के कॉलेज चौक, जयपालपट्टी चौक, पंचमुखी चौक आदि जगहों पर इन मनचलों का
जमावड़ा अक्सर ही आपको आँख सेंकते नजर आ जायेंगे. प्रशासन भी इन दिनों कदाचारमुक्त
परीक्षा कराने में अपनी पूरी ताकत झोंक चुका है, और यही उनकी पहली प्राथमिकता भी
है. और चौक-चौराहों पर भीड़ और पुलिस की कमी का फायदा उठाते हुए ये ‘समाज के कोढ़’ मनचले अपनी हरकतों से बाज नहीं
आते और अब तो स्थिति यह है कि कई महिला परीक्षार्थी ये सोच रहीं है कि कब उनकी
परीक्षा समाप्त हो और वे सुरक्षित घर पहुँच जाएँ.
आज की
ही एक घटना की चर्चा करें तो जिला मुख्यालय के जयपालपट्टी चौक पर एक छेड़छाड़ की
घटना को जब पीडिता के परिजनों ने रोकना चाहा तो दारू के नशे में मनचलों ने परिजनों
को उल्टा पीट दिया. किसी ने मधेपुरा पुलिस को फोन कर दिया तो कमांडो के मुखिया
बिपिन कुमार तुरंत ही अपने दस्ते के साथ घटनास्थल पर पहुँच गए, पर तबतक मनचले मौके
से फरार हो चुके थे. आसपास के कुछ लोगों ने पीडितों को समझाबुझा कर वापस भेजा.
ऐसे में तो ऐसा
ही लगता है कि मधेपुरा पुलिस को इन इलाकों में अपनी गश्ती बढ़ाने की आवश्यकता है.
वर्ना कहीं ऐसा न हो कि परीक्षा के दौरान कोई और दाग मधेपुरा के चेहरे पर लग जाए.
परीक्षा के दौरान लड़कियों के साथ छेड़खानी की घटना बढ़ी, जरूरी है ऑपरेशन मजनू
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 21, 2014
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