हैप्पी न्यू ईयर: पूजा से शुरू और दारू पर खत्म

|राकेश सिंह |01 जनवरी 2014|
मुसलमान औ' हिन्दू है दो, 
एक, मगर, उनका प्याला,
एक, मगर, उनका मदिरालय, 

एक, मगर, उनकी हाला,
दोनों रहते एक न जब तक 

मस्जिद मन्दिर में जाते,
बैर बढ़ाते मस्जिद मन्दिर

मेल कराती मधुशाला." 
-हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला से-
नया साल आ गया. खुशी के मारे लोग पागल सा हुए जा रहे थे. जैसे पुराने साल में किस्मत ने धोखा दे दी हो और इस 2014 में कौन बनेगा करोड़पति में सीधी एंट्री मिल रही हो. समझदार लोगों ने एक दूसरे को शुभकामना सन्देश दिया और ईश्वर से प्रार्थना की कि खुद और खुद से जुड़े लोगों की जिंदगी में शान्ति और समृद्धि बनी रहे.
      सुबह से मंदिरों में भीड़ उमड़ती नजर आई. प्रसिद्ध सिंहेश्वर मंदिर में शांतिप्रिय लोगों ने भगवान के सामने मत्था टेका और फिर इस साल की प्लानिंग दिमाग में रखते हुए दिन भर तरोताजा रहने का प्रयास किये. 
      युवाओं ने फर्स्ट जनवरी को अलग-अलग ढंग से सेलिब्रेट किया. कुछ अमीर किस्म के युवा तथा अन्य लोग नेपाल या फिर दूरदराज निकल गए जहाँ इनकी गतिविधियां स्वतंत्र रह सके. कुछ युवाओं ने कहीं-कहीं कोई कार्यक्रम या पिकनिक कर नव वर्ष मनाया. बच्चे भी कई जगह पिकनिक मनाते देखे गए.
      पर शाम ढलते ठंढ ने आज अलग तरह की सिहरन पैदा कर दी. दिन में तो कम था, पर शाम के बाद जाम से जाम टकराने की आवाज सड़कों तक आने लगी. दौर-ए-शराब ने मानो पूरे जिले को अपने गिरफ्त में ले लिया. बहुत से लोगों और जनप्रतिनिधियों ने आम जनता के पैसे लूटकर जहाँ घरों और अन्य सुरक्षित जगहों पर शराब पीकर जश्न-ए-नया साल मनाया और सर्दी में भी गर्मी का एहसास पाया, वहीँ जिले के लाखों ग़रीबों की रातें आज भी ठिठुरती कटेंगी.
हैप्पी न्यू ईयर: पूजा से शुरू और दारू पर खत्म हैप्पी न्यू ईयर: पूजा से शुरू और दारू पर खत्म Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 01, 2014 Rating: 5

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