|राजीव रंजन|06 जनवरी 2014|
मधेपुरा में न तो ट्रैफिक को नियंत्रण करने की
व्यवस्था है और न ही जाम से छुटकारा दिलाने के लिए अधिकारियों के पास कोई वैकल्पिक
व्यवस्था है. हालात ये हैं कि यदि कहीं कोई जाम लग जाए तो फिर आने-जाने वाले लोगों
का बंटाधार.
आज दिन
में लगे एक जाम ने पूरे शहर को हांफने को मजबूर कर दिया. जाम उस समय से शुरू हुआ
जब बस स्टैंड के पास नदी पर बने पुल पर बीचोंबीच एक ट्रक खराब हो गया और उसके बाद
लगे जाम में सैंकड़ों वाहन दोनों तरफ रुक गए. वाहनों के निकलने का कोई रास्ता नहीं
था और बाद में पहुंची पुलिस भी जाम को हटाने में कई घंटे तक नाकामयाब रही. जाम में
फंसे कई लोग ऐसे थे जिन्हें अत्यंत ही जरूरी काम से या तो मधेपुरा-सहरसा जाना था
या फिर शहर की ओर फंसे वाहन के लोगों को पूर्णियां की ओर जाना था. लोग तो बेबस थे
ही, प्रशासन भी बेबस ही नजर आ रहा था.
खैर,
देर शाम में ही लगभग चार किलोमीटर लंबे जाम पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जा सका
था.
एक जाम में हांफ गया मधेपुरा शहर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 06, 2014
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