मंडल वि०वि०: पढ़ाई स्वाहा, जारी है अस्तित्व बचाने का खेल

|कुमारी मंजू|16 दिसंबर 2013|
मधेपुरा के बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय में पढ़ाई जैसा कुछ बाक़ी नहीं रह गया है. पढ़ाई का वातावरण जहाँ खत्म सा हो चला है वहीँ अब विश्वविद्यालय के कई विभागों के अस्तित्व पर भी संकट गहराता जा रहा है. कहते हैं कि वर्तमान कुलपति आर.एन.मिश्रा ने एक ऐसा आदेश जारी किया है जिसे यदि सच में लागू कर दिया जाय तो यहाँ कई विभागों की मान्यता समाप्त हो सकती है.

क्या है यह आदेश?: नामांकन के सम्बन्ध में पहले जहाँ यह नियम था कि विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों में एक साथ छात्रों से आवेदन लिए जायेंगे तथा प्राप्त आवेदन के आधार पर मेधा सूची बनाई जाएगी. इसके बाद विभिन्न संस्थानों में एडमिशन लिए जायेंगे.
      पर नए नियम के अनुसार अब छात्र अलग-अलग संस्थानों में अपने मन के मुताबिक़ आवेदन कर सकेंगे और वहीँ के प्राचार्य मेधा सूची तैयार कर एडमिशन लेंगे. जानकार बताते हैं कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के नियम के अनुसार पोस्ट ग्रैजुएशन की मान्यता तब ही बची रहेगी, जब कम से कम दस छात्रों का नामांकन रहेगा.जाहिर है ऐसे में यदि विभाग ही नहीं बचेंगे तो कई शिक्षकों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.

अस्तित्व का संकट: मंडल विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों पर अस्तित्व बचाने का संकट गहराता जा रहा है. कई शिक्षक ऐसे हैं जो अपने से वरीय पदाधिकारी के मारे हैं. हटाये गए परीक्षा नियंत्रक डा० अरूण कुमार यादव हों या वित्त पदाधिकारी आर. के.सिंह या फिर पुस्तकालय सहायक पृथ्वीराज यदुवंशी, आज इन्हें उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी है. और ऐसे में यदि इसी तरह के मुकदमों से आजिज होकर हाई कोर्ट के गलियारों से कुलपति के लिए टेरर जैसे शब्द निकलें तो मान लीजिए विश्वविद्यालय का हो रहा है सत्यानाश.
मंडल वि०वि०: पढ़ाई स्वाहा, जारी है अस्तित्व बचाने का खेल मंडल वि०वि०: पढ़ाई स्वाहा, जारी है अस्तित्व बचाने का खेल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 16, 2013 Rating: 5

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