|मुरारी कुमार सिंह|26 नवंबर 2013|
सहरसा जिले के वार्ड नं. 26 की रहने वाली महज 7 वर्ष
की पूजा उर्फ नीतू के साथ कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था. घर के पास ही खेल रही पूजा
को किसी अज्ञात व्यक्ति ने एक टेम्पो में बैठा दिया और छोड़कर चला गया. पूजा पहुँच
गई सहरसा से सिंहेश्वर. ये तो संयोग ही था कि सिंहेश्वर में इस बच्ची को अकेला
देखकर बाल कल्याण संस्था से सम्बंधित सदस्य डा० नरेश कुमार रमण और समुदाय
कार्यकर्ता बिमलेश कुमार ने उससे पूछताछ शुरू की, और उन्हें कुछ ही देर में पता चल
गया कि बच्ची मुसीबत में फंस चुकी है.
संवेदनशीलता का परिचय देते हुए
दोनों ने श्रम अधीक्षक राजीव रंजन को पूजा के बारे में जानकारी दी और फिर श्रम
अधीक्षक ने बच्ची को महिला हेल्पलाइन के सुपुर्द कर दिया. महिला हेल्पलाइन की
परियोजना पदाधिकारी पायल प्रकाश ने पूजा को समुदाय कार्यकर्ता बिमलेश कुमार के साथ
उसके घर पहुंचाने की व्यवस्था कर दी.
लावारिस छोड़ दी गई इस बच्ची के साथ हो सकता था हादसा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 26, 2013
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