विश्व नशा उन्मूलन व कल्याण मिशन, मधेपुरा के
संस्थापक सह अध्यक्ष संत गंगा दास ने बिहार सरकार द्वारा अविनिर्मित तम्बाकू
(खैनी) कोटैक्स फ्री करने पर घोर आपत्ति जताई है. उन्होंने कई बिंदुओं को उठाते
हुए सरकार से पुन: मांग की है कि तम्बाकू टैक्स को पूर्ववत लागू किया जाना चाहिए. बता दें कि संत गंगा दास मधेपुरा में दशकों से नशामुक्ति अभियान छेड़े हुए हैं.
सरकार
के फैसले का विरोध करते हुए संत गंगा दास ने कहा बिहार में 23 सितम्बर 1993 में ही
तम्बाकू उन्मूलन संगठन बिहार नाम की संस्था की स्थापना हुई जिसका उद्येश्य बिहार
को नशामुक्त बनाना है. डब्ल्यूएचओ के उद्येश्य के तहत भी भारत में केन्द्रीय
स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय, भारत सरकार ने सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद
(विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का
विनियमन) अधिनियम 2003 पारित किया और 11वीं पंचवर्षीय योजना में ‘राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण
कार्यक्रम’
अभियान चलाकर राष्ट्रव्यापी नियंत्रण कर रही है.
उन्होंने
कहा कि बिहार सरकार भी तम्बाकू से होने वाके कैंसर पर नियंत्रण करने के लिए 31 मई
2012 से गुटखा, पान मसाला आदि तम्बाकू उत्पाद के उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति और
बिक्री पर रोक लगाकर ऐतिहासिक कदम उठाई है. दूसरी तरफ अद्यतन सर्वे बताते हैं कि
50% कैंसर का कारण सिर्फ तम्बाकू सेवन है और बिहार सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों रूपये
कैंसर के इलाज पर खर्च कर रही है. सिर्फ मधेपुरा जिला में प्रतिवर्ष करीब 12 करोड़
रूपये तम्बाकू निर्मित धूम्रपान में उड़ा दिया जाता है और प्रतिवर्ष देश में दस लाख
लोगों की मौत तम्बाकू कैंसर से होती है. संत गंगा दास ने मांग की कि ऐसी स्थिति
में बिहार सरकार जनहित और राष्ट्रहित का ख्याल करते हुए तम्बाकू टैक्स को पूर्ववत
लागू करे.
खैनी को टैक्स फ्री करने के विरोध में हैं संत गंगा दास
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 20, 2013
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