25 दृष्टिहीन बच्चों को मिली कस्तूरबा विद्यालय में पनाह

|राजीव रंजन|02 अक्टूबर 2013|
गांधी जयन्ती के अवसर पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, मधेपुरा में 25 दृष्टिहीन बच्चों का नामांकन प्रशासन की ओर से कराया गया. इससे पहले डीईओ तथा डीपीओ, सर्वशिक्षा अभियान ने विद्यालय जाकर मुआयना किया तथा उसके बाद जिले के विभिन्न प्रखंडों के इन दृष्टिहीन बच्चों का नामांकन यहाँ करवाया.
      अधिकारियों ने बताया कि दृष्टिहीन बच्चों को पढ़ाने के लिए बाहर से पुरुष शिक्षक आयेंगे जो विद्यालय में दिन में जाकर इन्हें पढाएंगे.
      प्रशासन का ये कदम उपरी तौर पर तो सराहनीय लगता है परन्तु इसकी तह में जाने पर गांधी जयन्ती के अवसर लिए गए इस फैसले में कई खामियां भी नजर आती है. बता दें कि हाल तक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में करीब एक सौ सामान्य बच्चे नामांकित थे जिनकी देखभाल पर ही सवालिया निशान लगे हुए थे. बता दें कि ये विद्यालय शिक्षिका विहीन है और यहाँ की लड़कियां अपने खर्च पर बाहर से शिक्षक मंगाकर जैसे-तैसे पढ़ाई करते रहे हैं.
      अब इन 25 दृष्टिहीन बच्चों के नामंकन के साथ ही यहाँ कुल बच्चों की संख्यां करीब 125 हो जाती है. नियम के अनुसार इस विद्यालय के अंदर पुरुष का प्रवेश वर्जित है. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या प्रशासन इस कस्तूरबा विद्यालय में इन दृष्टिहीन बच्चों को रखकर गांधी जयन्ती पर अपनी पीठ थपथपाना चाहती है या फिर वास्तव में वो जिले के उपेक्षित बच्चों की स्थिति में सुधार लाना चाहती है ?
       इसी कस्तूरबा विद्यालय पर मधेपुरा टाइम्स पर एक साल पहले छपी इस खबर को भी पढ़ें: कस्तूरबा विद्यालय की एक सौ बच्चियों के भविष्य के साथ खिलवाड़
25 दृष्टिहीन बच्चों को मिली कस्तूरबा विद्यालय में पनाह 25 दृष्टिहीन बच्चों को मिली कस्तूरबा विद्यालय में पनाह Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 02, 2013 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.