सुशासन के मुखिया नीतीश कुमार भले ही बिहार को
विकसित करने के लाख प्रयास कर लें, पर उनके नुमायंदे उनके प्रयास को धरातल पर
धराशायी कर रहे हैं. मुरलीगंज नगर पंचायत में चल रहे लूट की किताब में आज एक और
बड़ा अध्याय तब जुड़ गया, जब कल ही ढलाई किया गया ‘रैन बसेरा’ ढलाई के महज कुछ ही घंटे के बाद आज सुबह भरभरा कर गिर गया.
जमीन पर धराशायी रैन बसेरा को देखकर नगर पंचायत को विकसित देखने वालों के ख्वाब भी
टूटकर बिखर गए और स्थानीय कुछ लोगों ने इस घटना के विरोध में कुछ घंटे सड़क भी जाम
कर दिया.
घटना
स्थल पर मौजूद कई लोगों ने कहा कि यहाँ कुछ भी सही नहीं हो रहा है और इस रैन बसेरे
का काम भी जैसे तैसे हो रहा था. गुणवत्ता विहीन होने की वजह से ये गिरा है.
राहगीरों के आराम करने के लिए बनाये जा रहे नगर पंचायत क्षेत्र के गोशाला चौक के
पास बन रहे इस रैन बसेरा से पीछे बिना ठीक-ठाक घर के रहने वाले कुछ महादलितों के
परिवार को भी उम्मीद बंधी थी कि वे भी कभी-कभार इसमें आराम कर लेंगे.
हालांकि
गिरे मलबे को जल्द ही वहां से हटाने की तैयारी चल रही थी ताकि इस लूट-कांड की सही
जांच न हो सके. ढलाई होते ही किसी भवन का इस तरह धड़ाम से गिर जाने की इस घटना से
इंजीनियर समेत निर्माण कार्य को देखने वाले प्रशासन के अधिकारी भी कटघरे में खड़े
हो गये हैं. अब देखना है कि इस घोर लापरवाही पर कोई कार्यवाही होती है या फिर
नीतीश राज में हो जाता है सबकुछ मैनेज !
दास्ताने लूट: मुरलीगंज में ‘रैन बसेरा’ ढलाई के कुछ ही घंटों बाद गिरा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 28, 2013
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