|मुरारी कुमार सिंह|10 सितम्बर 2013|
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) की मधेपुरा शाखा ने अपनी विभिन्न लंबित मांगों को पूरा न किये जाने से असंतुष्ट होकर आज समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि वर्ष 2009 एवं 2010 में दो-दो बार के अनिश्चितकालीन हड़ताल और मुख्यमंत्री स्तर पर भी दो-दो बार संपन्न प्रतिनिधिमंडल वार्ताओं के बावजूद राज्यकर्मियों-शिक्षकों-अनुबंध-मानदेय कर्मियों की मांगों को पूरा करने में सरकार कि उपेक्षापूर्ण तथा टालमटोलपूर्ण रूख बना हुआ है. सरकार के अभिन्न अंग के रूप में सेवारत कर्मियों के प्रति सरकार के ऐसे व्यवहार से उनमें गहरा असंतोष और आक्रोश है.
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) की मधेपुरा शाखा ने अपनी विभिन्न लंबित मांगों को पूरा न किये जाने से असंतुष्ट होकर आज समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि वर्ष 2009 एवं 2010 में दो-दो बार के अनिश्चितकालीन हड़ताल और मुख्यमंत्री स्तर पर भी दो-दो बार संपन्न प्रतिनिधिमंडल वार्ताओं के बावजूद राज्यकर्मियों-शिक्षकों-अनुबंध-मानदेय कर्मियों की मांगों को पूरा करने में सरकार कि उपेक्षापूर्ण तथा टालमटोलपूर्ण रूख बना हुआ है. सरकार के अभिन्न अंग के रूप में सेवारत कर्मियों के प्रति सरकार के ऐसे व्यवहार से उनमें गहरा असंतोष और आक्रोश है.
बिहार
राज्य अराजपत्रित कर्मचारियों ने आज पूरे राज्य में जिलास्तरीय प्रदर्शन के माध्यम
से लंबित मांगों से सम्बंधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी मधेपुरा के माध्यम से
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा. ज्ञापन के साथ मांगपत्र तथा स्थानीय मांगपत्र भी
सौंपा गया.
इस अवसर
पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) के सम्मानित अध्यक्ष रामचंद्र
यादव, अध्यक्ष मो० इजहार, विनोद कुमार विमल, महेश्वरी प्रसाद यादव, रविन्द्र
कुमार, उमेश सिन्हा, प्रबोध प्रकाश, हरि मंडल, आद्यानंद यादव, मदन साह, मो०
नईमउद्दीन, नीलकमल, प्रकाश राम, हेम कुमार झा, शैलेन्द्र प्रसाद यादव, रूक्मिणी
कुमारी, राधा देवी आदि उपस्थित थे.
कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) का समाहरणालय के सामने प्रदर्शन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 10, 2013
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