|वि० सं०|16 सितम्बर 2013|
दूसरों को आर्थिक दंड लगाने वाले बिजली विभाग के
अधिकारी को अब खुद आर्थिक दंड देना पड़ेगा. मामला एक सूचना के अधिकार उपलब्ध कराने
में लापरवाही को लेकर है. मधेपुरा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सह कोशी प्रमंडलीय
भ्रष्टाचार निवारण संगठन के अध्यक्ष राजीव जोशी ने विद्युत विभाग मधेपुरा के लोक
सूचना पदाधिकारी सह सहायक अभियंता से इस बावत सूचना मांगी थी कि मधेपुरा के घैलाढ़
प्रखंड के भतरंधा पंचायत के टोला बलुआहा में बिजली पॉवर सब स्टेशन की कितनी राशि
से किस संवेदक द्वारा बाउंड्रीवाल एवं भवन निर्माण कराया जा रहा है और उक्त
निर्माण कार्य की अंतिम समय सीमा कितनी है ?
पर
विद्युत विभाग मधेपुरा के लोक सूचना पदाधिकारी सह सहायक अभियंता ने निर्धारित समय
सीमा के अंतर्गत के अंदर उक्त सूचना उपलब्ध नहीं कराया. मामला राजीव जोशी के
द्वारा राज्य सूचना आयोग के सामने भी लाया गया, परन्तु राज्य सूचना आयोग के
निर्देश को भी विद्युत विभाग मधेपुरा के लोक सूचना पदाधिकारी सह सहायक अभियंता
नजरअंदाज कर गए.
पूरे
प्रकरण पर नाराज राज्य सूचना आयोग ने इसी 22 अगस्त को आरटीआई की धारा 20(1) के तहत
सहायक अभियंता सह लोक सूचना पदाधिकारी को 25 हजार आर्थिक दंड देने का आदेश दिया
है. साथ ही आयोग ने अगली तिथि निर्धारित कर उससे पहले वंचित सूचना भी अपीलकर्ता
राजीव जोशी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. अगली तिथि तक यदि सहायक अभियंता सह
लोक सूचना पदाधिकारी ने निर्देश का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ आरटीआई की धारा
20(2) के तहत अग्रिम कार्यवाही की जायेगी.
बिजली विभाग के सहायक अभियंता को 25 हजार का आर्थिक दंड
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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September 17, 2013
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