‘मेरे पिता के हत्यारों को फांसी पर चढ़ा दो..’

 |वि० सं०|29 जुलाई 2013|
16 अगस्त की वो काली रात जब न सिर्फ एक पत्नी ने अपना पति खोया, बल्कि तीन होनहार बच्चों के सर पर से उसके पिता का साया उठ गया. मुरलीगंज के पोखराम में किसान अभय यादव की हत्या न सिर्फ सुशासन का पोल खोलती है बल्कि समाज के उस भ्रष्टतंत्र को भी उजागर करती है जिसमें सरकारी योजानाओं की लूट पर मुंह खोलने वाले की आवाज गोलियों से दबा दी जाती है. और पुलिस तंत्र के अधिकारी के काले चरित्र की कथा अनुसंधान और केश डायरी में लिखी होती है.
      बी.ए.पार्ट-I में पढ़ रही मृतक अभय यादव की बेटी जूली मधेपुरा टाइम्स कार्यालय में आकर बताती है कि मेरे पिता की हत्या अशोक कुमार अमर, हरिनंदन यादव, देवकृष्ण यादव और अनिल यादव ने ही मिलकर की है. हत्या का कारण अभय यादव के द्वारा राजकीय मध्य विद्यालय, पोखराम में प्रभारी प्रधानाध्यापक अशोक कुमार अमर के द्वारा स्कूल में की जा रही अनियमितता का विरोध करना है. जूली बताती है कि गाँव के स्कूल में प्रधानाध्यापक की मनमानी एमडीएम से लेकर स्कोलरशिप और भवन निर्माण में तक में थी. प्रभारी प्रधानाध्यापक की मनमानी का विरोध करने वाले स्कूल में पदस्थापित अन्य सहायक शिक्षक तथा मृतक के भाई सुधीर कुमार सहित बहुत से ग्रामीण करते थे. पापा ने प्रधानाध्यापक की मनमानी का ज्यादा विरोध किया तो उन्हें इन चारों लोगों ने मौत के घाट उतार दिया. जूली इस बात का भी खुलासा करती है कि उससे पहले भी उनलोगों को अशोक कुमार अमर के द्वारा धमकी दी गई थी.
      हत्या के बाद तत्कालीन एसडीपीओ विजय कुमार द्वारा अनुसंधान को गलत बताते हुए अब जूली समेत परिजन कह रहे हैं कि जो बयान हमलोगों ने दिया था, उसे पुलिस ने डायरी में उल्टा लिखा और अब से पहले तक पुलिस अभियुक्तों से मिलकर काम कर रही थी. इस सनसनीखेज हत्या में लगभग एक साल बाद अशोक कुमार अमर की गिरफ्तारी होने से परिवार का विश्वास वर्तमान पुलिस अधीक्षक पर बढ़ गया है और अब वे बाकी तीनों को भी सलाखों के पीछे देखना चाहते हैं.
      दहशत के साये में माँ के साथ जूली अपने दो छोटे भाई पुनीत और सुमीत के साथ गाँव छोड़कर रह रही है और कहती है कि हमने अपना निर्दोष पिता खोया है अब कानून इन चारों हत्यारों को फांसी पर लटका दे ताकि उनके बच्चे भी बिना पिता के इस बात को महसूस कर सके कि परिवार में बाप का वजूद क्या होता है ?
‘मेरे पिता के हत्यारों को फांसी पर चढ़ा दो..’ ‘मेरे पिता के हत्यारों को फांसी पर चढ़ा दो..’ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 29, 2013 Rating: 5

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