भेलवा हादसा: मासूमों की जिंदगी हथकट्टी दादी के भरोसे

|आर.एन.यादव|05 जून 2013|
मधेपुरा प्रखंड के भेलवा गाँव में बीती रात के हादसे का सबसे दर्दनाक पहलू मृतक के बच्चे हैं. तीन मासूमों को ये समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर उनलोगों ने ऐसी कौन सी गलती थी कि भगवान ने इसी उम्र में उनके सर से माँ-बाप का साया छीन लिया. मृतक हरेकृष्ण और अनोखा भले ही गरीब थे पर मिहनत के बल पर अपने मासूम बच्चों और बूढ़ी माँ का लालन-पालन कर रहे थे. रात का निवाला धरा ही रह गया और अब लोगों और प्रशासन के भरोसे ही रह गए हैं.
     
             बच्चे राजू, काजू और मनीष की उम्र क्रमश: 4 साल, 3 साल और 1 साल है जबकि अब परिवार का एकमात्र सहारा बनी बच्चों की दादी बचिया देवी 80 साल की हो चुकी है और इनके साथ भी भगवान ने पूर्व में ही ज्यादती कर रखी है. बचिया देवी का एक हाथ कटा हुआ है. अब एक हाथ से इन तीन मासूमों के जिंदगी की गाड़ी बचिया देवी अधिक दिनों तक खींच सकती है या नहीं ये तो समय बताएगा पर अधिकाँश लोगों का मानना है कि सीएम के कार्यक्रम को लेकर गंभीर दिखने वाला प्रशासन शायद ही इन बच्चों के दर्द को ढंग से बाँट सके. 
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भेलवा हादसा: मासूमों की जिंदगी हथकट्टी दादी के भरोसे भेलवा हादसा: मासूमों की जिंदगी हथकट्टी दादी के भरोसे Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 05, 2013 Rating: 5

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