उधर जहाँ प्रशासन बिहार दिवस के कार्यक्रम में व्यस्त
था वहीं दूसरी ओर मधेपुरा में शिक्षकों ने काला दिवस मना कर सरकार के विकास के दावों
की खिल्ली उड़ाई. मधेपुरा में समाहरणालय के सामने कई दर्जन शिक्षकों ने नीतीश की सरकार
की तुलना अंग्रेजी हूकूमत से करते हुए कहा कि पटना में शिक्षकों को बेरहमी से पीटना
तो शर्मनाक है ही, महिला शिक्षकों को पुरुष पुलिस के द्वारा दौड़ा-दौड़ा कर पीटने की
जितनी भर्त्सना की जाय कम है.
बिहार पंचायत
नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की मधेपुरा इकाई द्वारा शुक्रवार के धरने की अध्यक्षता जिला
सचिव भुवन कुमार ने किया. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने सभा को
संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के सभी 38 जिलों में शिक्षकों ने आज काला दिवस मनाया
है. हम 23 मार्च से काम पर लौट रहे हैं, सरकार हमारी मांगों को अविलम्ब मान ले अन्यथा
हमें बाध्य होकर और अधिक व्यापक तथा असरदार आंदोलन शुरू करना पड़ेगा.
धरना को
मुख्य रूप से गोप गुट के जिला सचिव रामचंद्र बाबू, प्रमंडल उपाध्यक्ष रामविलास कुमार,
सामंत कुमार शानू, सुबोध सिंह सुधीर, भूपेंद्र यादव आदि ने भी संबोधित किया.
सबके लिए बिहार दिवस, इनके लिए काला दिवस
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 22, 2013
Rating:
No comments: