शुक्रवार को बिहार दिवस पर महिला सशक्तिकरण पर
आयोजित संगोष्ठी कई नए विचारों पर गहराई से सोचने के अवसर दे गया. जिला मुख्यालय
के झल्लू बाबू स्मृति भवन के हुए इस कार्यक्रम का उदघाटन जिला परिषद अध्यक्षा मीलन
देवी ने किया जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता मधेपुरा के जिलाधिकारी उपेन्द्र कुमार
कर रहे थे. इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने स्व० रामानंद प्रसाद उर्फ झल्लू बाबू की
पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये. कार्यक्रम प्रारम्भ होने के बाद
सबसे पहले बोलते हुए शिवनंदन प्रसाद मंडल हाई स्कूल की प्राचार्या डा० शान्ति यादव
ने कहा कि हमारे देश की अनगिनत महिलाओं ने उच्च शिखर को छूआ है. बछेंद्री पाल,
कल्पना चावला, लीना धर्मसत्तू, किरण बेदी, इंदिरा गांधी, पीटी उषाजैसे कई नाम हैं
जिन्होंने देश को एक नई दिशा दी है. फिर भी आज नैना सहनी को तंदूर में जलाकर मारा
जाता है और मधुमिता व दामिनी के साथ दुष्कर्म कर उनकी हत्या की जाती है. इनके कारण
की तह में जाने की जरूरत है और जबतक निदान नहीं होगा, महिलाओं की स्थिति सम्मानजनक
नहीं हो सकती. डा० शांति यादव ने कहा कि महिलाओं के लिए शिक्षा को बुनियादी जरूरत,
उसे आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बनाने के साथ ही समाज की मानसिकता में भी बदलाव लाने
होंगे.
वहीँ
सदर अस्पताल मधेपुरा की महिला परामर्शी सुधा संध्या ने महिलाओं को ही उनकी स्थिति
सुधारने के लिए जवाबदेही लेने की बात कही. उन्होंने सवालिया लहजे में यह पूछा कि महिलाओं
के लिए अलग बस क्यों ? जब पिता और भाई के साथ महिलाएं एक घर में सुरक्षित रह सकती
हैं तो बस में क्यों नहीं, बस जरूरत है मानसिकता बदलने की.
महिला
सशक्तिकरण विषय पर जिलाधिकारी उपेन्द्र कुमार, पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार शाह,
गुड्डी देवी, राखी भारती, नगर परिषद उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव, शौकत अली, डा० रिंकी, वंदना घोष, पायल प्रकाश समेत दर्जनों लोगों ने अपने विचार
रखे. मौके पर डीडीसी मधेपुरा, एडीएम आपदा अजय कुमार, जदयू के अध्यक्ष सियाराम
यादव, वार्ड पार्षद ध्यानी यादव, जदयू के प्रखंड अध्यक्ष शिव नारायण
यादव, सीडीपीओ शोभा सिन्हा, उर्वशी आदि सहित अन्य कई महत्वपूर्ण लोग उपस्थित थे.
‘जरूरत है समाज को महिलाओं के प्रति मानसिकता बदलने की’
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 22, 2013
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