(07 फरवरी 2013)
दिल्ली की अदालत से पेशी के बाद मंडल कारा सहरसा
लौटने के क्रम में सिंघेश्वर बाजार में पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि बिहार के विकास
की स्टोरी सरजमीं पर पूरी तरह मखौल बनकर रह गया है. सूबे में शिक्षा व्यवस्था
हाशिए पर जा पहुंची है और शिक्षकों को अब अध्यापन का कार्य छुड़ाकर भवन निर्माण के
काम में लगा दिया गया है. शिक्षक अब रंगदारों के भय से त्रस्त हैं.
मीडिया
से बात करते हुए पूर्व सांसद ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव का इसी वर्ष होना तय माना
जा रहा है. इस बार के चुनाव में आरएसएस बीजेपी के द्वारा अपनी पूरी पकड़ रखेगा और
हिंदुत्व के मुद्दे पर आरएसएस अपना दांव दिखाने का प्रयास करेगी. बिहार की राजनीति
नरेंद्र मोदी के नाम पर तीन खेमों में बंटने वाली है. हाल में सहरसा में तूल पकड़े
एक दुष्कर्म के प्रयास के मामले में उनके सहयोगी का नाम घसीटने के मुद्दे पर
उन्होंने कहा कि विरोधियों की घटिया साजिश सहरसा के लोगों की समझ में आ चुकी है.
इस मौके
पर वहां फ्रेंड्स ऑफ आनंद के जिला संयोजक सह वार्ड पार्षद ध्यानी यादव, सपा के
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मो० इश्तियाक आलम, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष
शैलेन्द्र मंडल, मो० हाजी साहब, मोनी सिंह, विश्वनाथ ठाकुर, चन्दन मंडल, वार्ड
पार्षद विशाल कुमार बबलू, ओमप्रकाश, मो० इम्तियाज समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे.
(राजीव रंजन की रिपोर्ट)
विकास की बातें सरजमीं पर बना मखौल: आनंद मोहन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 07, 2013
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