हमारा मधेपुरा हमारी जान..!
शिक्षा की यहाँ उज्ज्वल आस,
शिक्षा की यहाँ उज्ज्वल आस,
एकता-अखंडता इसकी जान..
विश्वविद्यालय इसकी शान...
हमारा मधेपुरा हमारी जान..!
हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई,
मिलकर रहते सिक्ख-इसाई,
करते मिलकर अपना काम,
जग वाले लेते इसका नाम.
हमारा मधेपुरा हमारी जान..!
जन्मे यहाँ अनेक लाल,
बी.पी. मंडल, बी.एन.मंडल,
आदर्शों के आधार ये लाल.
विश्व पटल पर इनका नाम,
हमारा मधेपुरा हमारी जान..!
यहाँ पर है सिंघेश्वर धाम,
भक्तों के जो पालन हार,
यश है इनकी दूर-दूर तक,
सुफल मिली भक्तों को अब तक,
नहीं है बिगड़ा कोई काम,
हमारा मधेपुरा हमारी जान..!
उन्नीस सौ इक्कासी में आई बहार,
नौ मई इसका आधार,
कोसी को है इसपर गर्व.
क्योंकि यहाँ पर होते नेक काम,
हमारा मधेपुरा हमारी जान..!
आओ मिलकर काम करें हम,
जग में इसका करें हम नाम,
मन में ठाने आज ये बात,
नहीं बहुत ये भारी काम,
हमारा मधेपुरा हमारी जान..!
श्रुति भारती ‘लवली ’
मधेपुरा.
हमारा मधेपुरा हमारी जान..!///श्रुति लवली
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 17, 2013
Rating:
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बहुत लोगों के मुँह से सुनता हूँ ....
ReplyDeleteमधेपुरा खत्म हैं, यहाँ का सिस्टम खत्म हैं, बेकार जगह हैं.... यहाँ कुछ नहीं हो सकता ...वगेरह वगेरह ........ बहुत गुस्सा आता हैं उनकी ये फालतू बातें सुन कर.......
मगर
आपका या कविता बहुत अच्छा लगा....और भी लिखें