शर्मनाक ! कला के नाम पर परोसी अश्लीलता, देखती रही पुलिस

राजीव रंजन/01/01/2013
एक तरफ जहाँ दामिनी की मौत पर पूरा देश मातम मनाता नजर आया और कईयों ने नववर्ष न मनाने का फैसला लिया, वहीं दूसरी ओर मधेपुरा में नववर्ष की पूर्व संध्या पर एक कार्यक्रम में मधेपुरा पुलिस की मौजूदगी में जम कर अश्लीलता परोसी गई.
            जिला मुख्यालय के रासबिहारी स्कूल के मैदान में ऑर्केस्ट्रा के नाम पर बाहर से मंगाई गई युवतियों ने भोजपुरी गानों पर जमकर अश्लील नृत्य किया. यहाँ दर्शकों में भी अधिकाँश शराब के नशे में सराबोर थे और मनचलों की तरह युवतियों पर फब्तियां कस रहे थे. कड़ाके की ठंढ में भी कम कपड़ों की इन युवतियों के बारे में आयोजक मंडली का दावा था कि ये मशहूर कलाकार हैं, पर उनके भौंडापन से कहीं से वे स्तरीय कलाकार नजर नहीं आ रही थी.
            सबसे हैरत की बात तो ये रही कि मनोरंजन के नाम पर ऐसे स्तरहीन कार्यक्रम का उदघाटन शहर के एक मशहूर चिकित्सक और एक साहित्यकार के करकमलों से करा लिया गया. हालांकि कार्यक्रम के शुरुआती दौर में ही वे इसके अंजाम को भांप कर चले गए. हालांकि मधेपुरा पुलिस वहां जमी रही और शायद वे भी ऐसे कार्यक्रम का आनंद लेने में लगे रहे.
अपराधी चरित्र के भी लोग रहते हैं इस कार्यक्रम के सञ्चालन में : बता दें कि इस कार्यक्रम के संचालकों में स्थानीय जयपालपट्टी के कई युवा शामिल रहते हैं जिनमें से कुछ इस कार्यक्रम के नाम पर जबरन चंदा वसूली करते हैं और मनमाफिक चंदा न मिलने पर बाद में देख लेने की भी धमकी देते हैं. कई लोगों ने बताया कि आयोजनकर्ता में कुछ ऐसे अपराधी भी शामिल हैं जिनपर कई संगीन मुक़दमे दर्ज हैं. मधेपुरा के कई कला प्रेमियों का कहना है कि इनके द्वारा हर वर्ष नववर्ष की पूर्व संध्या पर तथाकथित ऑर्केस्ट्रा करवाया जाता है और हर बार यहाँ मारपीट होती है. फिर भी प्रशासन द्वारा ऐसे कार्यक्रमों पर रोक नहीं लगाने से मधेपुरा की संस्कृति बिगड़ रही है और नृत्यांगनाओं द्वारा दर्शकों को अपने भावभंगिमा से लुभाने वाले ऐसे कार्यक्रम जिले में छेड़खानी की घटनाओं में बढ़ोतरी का कारण बन सकते हैं.
शर्मनाक ! कला के नाम पर परोसी अश्लीलता, देखती रही पुलिस शर्मनाक ! कला के नाम पर परोसी अश्लीलता, देखती रही पुलिस Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 01, 2013 Rating: 5

2 comments:

  1. Aap kyun Dekh rahe thee...Rokne Ki Koshish Ki hai itne saalon se ? Ish bar ayojako se Dalali Nahin mili Kya ?

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  2. Ye aayojan madhepura ke pridrish ko samne lane ke liye kafi hai lekin hame sarm v hai ki chote se es jaga pr es trah ka program ayoojan hota hai Chandan Singh

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